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परमाणु समझौते की ग़लतियाँ दोहराई नहीं जाएंगी

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परमाणु समझौते की ग़लतियाँ दोहराई नहीं जाएंगी

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हुसैनी ने कहा,वार्ताएं विदेश मंत्रालय के दर्जनों अन्य साधनों में से सिर्फ़ एक ज़मीनी साधन हैं, और परमाणु समझौते में जो पहले ग़लतियाँ हुई थीं उन्हें दोबारा नहीं दोहराया जाएगा।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सईद हुसैनी ने मस्जिदे बक़ियतुल्लाहुल आज़म काशान में नमाज़े जुमा के खुतबों (उपदेशों) के दौरान भाषण देते हुए कहा,इस्लामी क्रांति की शुरुआत में मुनाफिक़ों और इस्लाम व व्यवस्था के दुश्मनों ने भी सेना को ख़त्म करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी थी।

उन्होंने आगे कहा,इस्लामी क्रांति की जीत के सिर्फ़ एक दिन बाद ही सेना ने अमेरिका द्वारा ईरान में पैदा किए गए फित्नों (साज़िशों) का डटकर मुक़ाबला किया और एक अहम व बुनियादी भूमिका निभाई।

काशान के इमामे जुमा ने रहबर-ए-मआज़म (आयतुल्लाह ख़ामेनेई) के नौरोज़ के मौके पर सरकारी अधिकारियों से मुलाक़ात में ग़ज़्ज़ा को लेकर दिए गए अहम बयानों का ज़िक्र करते हुए कहा,दुश्मन ने निर्दयता की सभी हदें पार कर दी हैं और जब फसाद अपनी चरम सीमा तक पहुँचता है तो अल्लाह की ‘कोड़े वाली परंपरा’ लागू होती है।

हुज्जतुल इस्लाम हुसैनी ने कहा,इस्लामी दुनिया को आर्थिक, राजनीतिक और ज़रूरत पड़ने पर व्यवहारिक स्तर पर एकता और सामूहिक कदम उठाने की आवश्यकता है।

उन्होंने अमेरिका में ट्रंप की नीतियों और ईरान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति की सोच का हवाला देते हुए कहा,हालिया बातचीत के बाद, अमेरिकी वित्त मंत्री ने दावा किया है कि ईरान पर अधिकतम दबाव डाला जाएगा ताकि उसकी ऊर्जा की निर्यात को शून्य तक पहुंचाया जा सके।हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हुसैनी ने कहा,

आज अमेरिका की अपनी 50 रियासतों के साथ-साथ फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, मैक्सिको, पुर्तगाल और तक़रीबन 1200 इलाक़ों में ट्रंप के ख़िलाफ़ जन आंदोलन (प्रदर्शन) हो रहे हैं।

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