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मशहद में गाज़ा के समर्थन में विभिन्न देशों के स्टूडेंट का इज़्तेमा

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मशहद में गाज़ा के समर्थन में विभिन्न देशों के स्टूडेंट का इज़्तेमा

विश्व के 20 देशों के शिक्षकों, धार्मिक विद्वानों और गैरईरानी छात्रों की उपस्थिति में, मशहद स्थित जामिया अलमुस्तफा अलआलमिया के प्रतिनिधि कार्यालय में विश्व इस्लामी मदरसों के छात्रों का ग़ाज़ा के मज़लूम लोगों और प्रतिरोध मोर्चे के समर्थन तथा ज़ायोनी शासन के अत्याचारों के खिलाफ विरोध सम्मेलन आयोजित किया गया।

विश्व के 20 देशों के शिक्षकों, धार्मिक विद्वानों और गैरईरानी छात्रों की उपस्थिति में, मशहद स्थित जामिया अलमुस्तफा अलआलमिया के प्रतिनिधि कार्यालय में विश्व इस्लामी मदरसों के छात्रों का ग़ाज़ा के मज़लूम लोगों और प्रतिरोध मोर्चे के समर्थन तथा ज़ायोनी शासन के अत्याचारों के खिलाफ विरोध सम्मेलन आयोजित किया गया। 

आज शनिवार को जामिया अल-मुस्तफा खुरासान के प्रार्थना कक्ष में हुए इस सम्मेलन में अफ्रीका, पूर्वी एशिया, दक्षिण अमेरिका, अरब देशों और भारतीय उपमहाद्वीप के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया विभिन्न भाषाएं बोलने वाले इन छात्रों ने एकजुट होकर फिलिस्तीनी जनता के प्रति अपना अटूट समर्थन व्यक्त किया। 

कुरान, किबला और न्याय के प्रति प्रेम ने विभिन्न संस्कृतियों, नस्लों और रंगों के छात्रों के दिलों को जोड़ा इस्राइल मुर्दाबाद और अमरीका मुर्दाबाद के नारों से पूरा हॉल गूंज उठा। छात्रों ने ज़ायोनी शासन के बच्चों को मारने वाले अत्याचारों की निंदा की और मुस्लिम व गैर-मुस्लिम देशों की खामोशी की कड़ी आलोचना की। 

समारोह के अंत में छात्र प्रतिनिधियों ने एक प्रस्ताव पढ़ा, जिसमें,प्रतिरोध मोर्चे, इस्लामी जागृति और  जिहाद-ए-तब्यीन (सत्य का प्रचार) के समर्थन को सभी मुसलमानों का वैश्विक कर्तव्य बताया गया ज़ायोनी शासन द्वारा ग़ज़ा के निर्दोष लोगों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और अस्पतालों पर हमलों को युद्ध अपराध और नरसंहार करार दिया गया।अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इन अत्याचारों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई । 

बयान में वैश्विक समुदाय से ग़ाज़ा की घेराबंदी हटाने, चिकित्सा सहायता भेजने और अमेरिकी-इजरायली उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह किया गया । 

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