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महमूद अब्बास इज़राइल के सहयोगी हैं:अतवान

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महमूद अब्बास इज़राइल के सहयोगी हैं:अतवान

अरब जगत के जाने-माने विश्लेषक अब्दुल बारी अतवान ने फ़िलिस्तीनी प्रशासन के  प्रमुख की हमास और ग़ज़ा प्रतिरोध के खिलाफ अश्लील भाषा के प्रयोग और अभद्रता का उल्लेख करते हुए उन्हें इज़राइल का सहयोगी और बहुत बड़ा देशद्रोही क़रार दिया है।

अरब जगत के जाने-माने विश्लेषक "अब्दुल बारी अतवान" ने पश्चिमी तट के फिलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख महमूद अब्बास द्वारा हमास और प्रतिरोध के विरुद्ध हाल ही में किए गए हमले और उनके द्वारा अभद्र भाषा के इस्तेमाल का उल्लेख करते हुए एक लेख में लिखा: महमूद अब्बास ने हमास और उसके मुजाहिदों का अपमान किया है जिन्होंने डेढ़ साल से अधिक समय तक डटे रहकर ग़ज़ा में इज़राइल की योजनाओं को नाकाम बना दिया है और अपने प्रतिरोध और वीरतापूर्ण कार्रवाइयों से अरब और इस्लामी जगत को गौरवान्वित किया है।

"अब्दुल बारी अतवान" ने इस लेख में लिखा है: नेतृत्व, अश्लीलता या कब्जा करने वाले दुश्मन के साथ मिलीभगत और उसके नरसंहारों को उचित ठहराने के माध्यम से प्राप्त नहीं होता है, बल्कि प्रतिरोध और शहादत के माध्यम से प्राप्त होता है।

अतवान ने महमूद अब्बास द्वारा किए गए खोखले वादों और इस तथ्य का ज़िक्र करते हुए कि वह ग़ज़ा में बच्चों की हत्याएं देख रहे हैं और कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा: सबसे बुरी बात यह है कि आप हमास को जिम्मेदार ठहराते हैं, न कि ज़ायोनी कसाईयों को, जिनके हाथ खून से रंगे हैं। आप चाहते हैं कि कैदियों को मुफ्त में रिहा कर दिया जाए, जबकि हजारों फिलिस्तीनी कैदियों को प्रतिरोध और हमास द्वारा क़ब्ज़े वाली जेलों से रिहा कर दिया गया है।

विश्लेषक कहते हैं: हम महमूद अब्बास से कहते हैं कि इज़राइल को ग़ज़ा में नरसंहार और क़त्ले आम करने के लिए कैदियों का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है, क्या इसमें कोई वीरता थी जब उन्होंने लेबनान में "दैरे यासीन" या "सबरा और शतीला" का नरसंहार किया था? उस वक़्त, यह फ़त्ह आंदोलन था, जिसके आप प्रमुख हैं।

राय अल-यौम के संपादक ने महमूद अब्बास से कहा: ये नरसंहार करने वाले हत्यारे ओस्लो समझौते में आपके साझेदार हैं जो सबसे बड़ा मानवीय विश्वासघात था और आप ही इसे अंजाम देने वाले थे। फिलिस्तीन के नाम पर आपके अधीन 60 हज़ार सैनिक वहां कब्जाधारियों और बसने वालों का समर्थन करने के लिए हैं, फिलिस्तीनियों का नहीं।

विश्लेषक ने यह लिखकर नतीजा निकाला कि: फिलिस्तीनी जनता के प्रतिनिधि महमूद अब्बास और केंद्रीय परिषद ही नहीं हैं जो हमास के खिलाफ इन अपमानजनक बातों को सुनती है और अपनी सांस नहीं रोक सकती बल्कि वे प्रतिरोध के लोग और ग़ज़ा के शहीद हैं, जिनका नेतृत्व शहीद यहिया सिनवार कर रहे हैं, जिन्होंने अपने जीवन के 23 साल आपराधिक क़ब्ज़े वाले शासन की जेलों में सलाखों के पीछे बिताए और शहादत प्राप्त की। खुद कब्जा करने वालों के अनुसार, उनका पोस्टमार्टम होने के बाद पता चवला कि उन्होंने तीन दिनों से कुछ नहीं खाया था। यह फ़िलिस्तीनी जनता का कानूनी और एकमात्र प्रतिनिधि है। 

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