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उलेमा और बुज़ुर्गों ने अपने इल्मी और रूहानी फ़ैज़ हज़रत मासूमा स.अ.से हासिल किए

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उलेमा और बुज़ुर्गों ने अपने इल्मी और रूहानी फ़ैज़ हज़रत मासूमा स.अ.से हासिल किए

आयतुल्लाह जवादी आमुली ने कहा, हालाँकि ईरान इन दिनों मुश्किलों में है लेकिन अहलुलबैत अ.स की विलायत, उनके ख़ानदान की अज़मत और मक़ाम, इन तमाम दुखों का इलाज है हज़रत मासूमा (स.अ) का हरम रहमत और फ़ज़ीलत का केंद्र है बुज़ुर्गों ने हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया है कि क़ुम में सबसे पहले बीबी हज़रत मासूमा स.अ से तवस्सुल किया जाए।

आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमुली ने अपने फ़िक़्ह के दर्स-ए-ख़ारिज़ में हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स.ल.) की विलादत की मुबारकबाद पेश करते हुए ईरान की मौजूदा हालात की ओर इशारा करते हुए कहा,हालाँकि ईरान इन दिनों मुश्किलों में है, लेकिन अहलुलबैत अ.स की विलायत, उनके घराने की अज़मत और मक़ाम, इन तमाम दुखों का इलाज है।

उन्होंने कहा,हज़रत मासूमा (स.अ) का हरम रहमत और फ़ज़ीलत का मरकज़ है। बुज़ुर्गों ने हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया है कि क़ुम में सबसे पहले बीबी हज़रत मासूमा (स.अ) से तवस्सुल किया जाए।

आयतुल्लाह ने आगे कहा,इस ख़ुशी का मक़सद सिर्फ़ दुनियावी नहीं, बल्कि यह एक 'विलायती ख़ुशी' है यह सिर्फ़ एक रस्म नहीं, बल्कि एक रूहानी रिश्ता है जो न सिर्फ़ मरहूमीन के लिए जन्नत का सबब बनता है बल्कि ज़िंदा लोगों को सब्र और अज्र भी अता करता है।

उन्होंने इस्लामी संस्कृति में औरत के मुक़ाम की अहमियत बताते हुए कहा,औरत इस्लाम में एक आम इंसान नहीं है। न सभी औरतें बराबर हैं और न सभी मर्द। हज़रत मासूमा स.अ को देखिए, जिनकी शान में कम से कम तीन इमामों ने ख़ास करामत और सम्मान का इज़हार किया है।

एक इमाम ने उनके लिए ज़ियारतनामा भी तहरीर किया जिसमें उनकी शान यूँ बयान की गई अस्सलामु अलैकी या बिन्त वलीय्यिल्लाह, अस्सलामु अलैकी या उख़्त वलीय्यिल्लाह, अस्सलामु अलैकी या अम्मत वलीय्यिल्लाह" यानि,वलीए ख़ुदा की बेटी पर सलाम, वलीए ख़ुदा की बहन पर सलाम, वलीए ख़ुदा की फूफी पर सलाम।ये सारे रिश्ते उनके ऊँचे मक़ाम की दलील हैं।

आयतुल्लाह ने यह भी कहा कि हज़रत मासूमा (स.अ) का मक़बरा एक रूहानी मरकज़ है, जिसके पास क़ायम हुआ हौज़ा-ए-इल्मिया क़ुम" खुद एक बड़ी नेमत है कई इल्मी बुनियादें, जैसे फ़िक़्ह की तालीम, इसी मुबारक हरम के क़रीब रखी गई हैं।

उन्होंने तौक़ीद की हम सिर्फ़ ज़ाहिरी जश्न नहीं मनाते, बल्कि उनके हरम में अदब, मोहब्बत और तवस्सुल का सिलसिला कायम रखते हैं।

 

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