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मशहद के 100 मदरसों में 'शहीद-ए-खिदमत' की बरसी का आयोजन

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मशहद के 100 मदरसों में 'शहीद-ए-खिदमत' की बरसी का आयोजन

शहीद-ए-खिदमत की पहली बरसी के मौके पर, ख़ुरासान प्रांत की 100 धार्मिक मदरसे इन शहीदों की याद को ज़िंदा रखने और उनकी क्रांतिकारी व जिहादी मूल्यों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं।

शहीद आयतुल्लाह रईसी और अन्य महान शहीदों की पहली बरसी के अवसर पर ख़ुरासान प्रांत के 100 धार्मिक मदरसों में इन शहीदों के सम्मान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहा हैं।

यह कार्यक्रम मदरसों की पहल पर आयोजित किए जा रहे हैं जिनका उद्देश्य बलिदान और शहादत की संस्कृति को समाज में फैलाना और ‘शहीद-ए-खिदमत’ का संदेश लोगों तक पहुँचाना है।

धार्मिक मदरसे अगली पीढ़ी के नैतिक और धार्मिक प्रशिक्षण के केंद्र हैं, और वे धार्मिक तथा क्रांतिकारी मूल्यों को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में इन कार्यक्रमों का आयोजन शहीद रईसी और अन्य शहीदों के उद्देश्यों और आदर्शों को याद करने का एक विशेष अवसर है।

इन आयोजनों का मुख्य उद्देश्य युवाओं में सेवा की भावना और जिहादी सोच को बढ़ावा देना है, जिस पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है।

जिम्मेदार संस्थाओं के अनुसार, इन कार्यक्रमों में शहीदों के जीवन और बहादुरी पर भाषण, डॉक्युमेंट्री फ़िल्मों का प्रदर्शन, सेवा और बलिदान पर आधारित प्रदर्शनियाँ, तथा जिहादी आंदोलनों के सामाजिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर विशेष परिचर्चाएँ होंगी। इसके अतिरिक्त, छात्रों और तलबा की ओर से कविता पाठ, भावनात्मक लेख और श्रद्धांजलि संदेश भी पेश किए जाएंगे।

 

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