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इटली की जनता का यौम-ए-नक़बत पर विरोध प्रदर्शन

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इटली की जनता का यौम-ए-नक़बत पर विरोध प्रदर्शन

इटली में 77वें यौम-ए-नक़बत के मौके पर हज़ारों लोगों ने ग़ाज़ा पर इस्राईली हमलों के खिलाफ प्रदर्शन किया उन्होंने फ़िलस्तीनी जनता के साथ एकजुटता का इज़हार किया और ग़ाज़ा में तुरंत युद्धविराम की मांग की है।

इटली में 77वें यौम-ए-नक़बत (नक़बत दिवस) के मौके पर हज़ारों लोगों ने ग़ाज़ा पर इस्राइली हमलों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए फ़िलस्तीनी जनता के साथ एकजुटता दिखाई और तुरंत युद्धविराम की मांग की।

शनिवार को रोम और मिलान में हुए इन विरोध प्रदर्शनों में लोगों ने हाथों में प्लेकार्ड्स उठाए हुए थे, जिन पर फिलस्तीन को आज़ाद करो "ग़ाज़ा की नाकाबंदी खत्म करो" और "युद्ध बंद करो" जैसे नारे लिखे थे। प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह इस्राइल पर दबाव डाले ताकि आम नागरिकों की हत्या रोकी जा सके और मानवीय सहायता की आपूर्ति में आ रही रुकावटें दूर की जा सकें।

इसी दौरान, इटली के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंतोनियो ताजानी ने सिसली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इटली नहीं चाहता कि फ़िलस्तीनी और अधिक पीड़ा झेलें उन्होंने वर्तमान हालात को यूक्रेन और मध्य पूर्व में शांति प्रयासों से जोड़ते हुए कहा कि ग़ाज़ा के लोगों को शांति का अधिकार है।

विपक्षी दलों ने ताजानी की आलोचना करते हुए कहा कि वे केवल बयान देने के बजाय ठोस कदम उठाएं और सीधे इस्राइली प्रधानमंत्री से संपर्क कर के बमबारी रुकवाएं, ग़ज़ा की नाकाबंदी समाप्त करें और राहत सामग्री की आपूर्ति को सुनिश्चित बनाएं।

गौरतलब है कि "यौम-ए-नक़बा" फ़िलस्तीनियों के लिए वह दिन है जब 1948 में इस्राइल की स्थापना के दौरान 7.5 लाख से अधिक फ़िलस्तीनियों को जबरन उनके घरों से बेदखल कर दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह विस्थापन फ़िलस्तीनी इतिहास की सबसे गंभीर मानवीय त्रासदी थी जो आज भी जारी है।

 

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