Print this page

लेबनान की उच्च शिया परिषद के उपाध्यक्ष की लेबनानी सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया

Rate this item
(0 votes)
लेबनान की उच्च शिया परिषद के उपाध्यक्ष की लेबनानी सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया

लेबनान की उच्च शिया परिषद के उपाध्यक्ष हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शेख अली अलखतीब ने हालिया सरकारी कार्रवाइयों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि शिया समुदाय लेबनान का एक बुनियादी और अटल हिस्सा है जो तत्व उन्हें हवाई अड्डों, बंदरगाहों और अन्य स्थानों से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, वे वास्तव में देश को एक खतरनाक अंजाम की ओर धकेल रहे हैं।

लेबनान की उच्च शिया परिषद के उपाध्यक्ष हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शेख अली अलखतीब ने हालिया सरकारी कार्रवाइयों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि शिया समुदाय लेबनान का एक बुनियादी और अटल हिस्सा है जो तत्व उन्हें हवाई अड्डों, बंदरगाहों और अन्य स्थानों से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, वे वास्तव में देश को एक खतरनाक अंजाम की ओर धकेल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज लेबनान की सरकार देश की असल समस्याओं जैसे सियोनी कब्ज़ा, लगातार हो रही आक्रामकता, और संयुक्त राष्ट्र की प्रस्ताव 1701 के लागू करने से आंखें मूंदे हुए है, लेकिन पूरा ध्यान केवल प्रतिरोध और उसके हथियारों पर केंद्रित है। उनका कहना था कि सरकार दक्षिणी लेबनान के लोगों को निशाना बना रही है और यात्रियों के बहाने शिया समुदाय को सीमित कर रही है, जो कि बिलकुल अस्वीकार्य है।

शेख अलखतीब ने उन लोगों की भी कड़ी आलोचना की जो जानबूझकर प्रतिरोध और आतंकवाद के बीच अंतर को नज़रअंदाज़ करते हैं या बाहरी ताकतों को खुश करने के लिए ऐसा करते हैं।

उन्होंने कहा कि जो लोग शिया समुदाय को राजनीतिक और सामाजिक समीकरण से बाहर करना चाहते हैं, वे या तो भटकाव में हैं या जानबूझकर लेबनान को बर्बादी की ओर ले जा रहे हैं, क्योंकि शिया न तो झुकेंगे न चुप रहेंगे।

उन्होंने कहा कि शिया समुदाय कर्बला के अनुयायी हैं और अपनी शान और सम्मान पर कभी समझौता नहीं करेंगे।हम सब मर सकते हैं, लेकिन कभी भी हार नहीं मानेंगे।

शेख अलखतीब ने सरकार को चेतावनी दी कि बाहरी ताकतों की मदद लेकर दबाव डालने, घेराव करने और शिया समुदाय को हाशिए पर डालने की जो नीति पहले असफल रही है, वह अब भी सफल नहीं होगी। अंत में उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर देश को बचाना है तो शिया समुदाय को बाहर निकालने की बजाय उनके साथ न्याय और सम्मान से पेश आना होगा।

 

Read 22 times