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ग़ाज़ा में इज़राइल के हमले अमानवीय और अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन हैं

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ग़ाज़ा में इज़राइल के हमले अमानवीय और अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन हैं

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा है कि ग़ाज़ा पट्टी में इज़राइली शासन द्वारा आम नागरिकों पर किए जा रहे हमले अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन युद्ध अपराध और बिलकुल अमानवीय हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने एक बयान में कहा कि ग़ाज़ा पट्टी में एक मानवीय सहायता वितरण केंद्र पर इज़राइली हमले, जो आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं युद्ध अपराध की श्रेणी में आते हैं।

उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि आम नागरिकों को जो थोड़ी-सी खाद्य सहायता पाने की कोशिश कर रहे हैं जानलेवा हमलों का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने इन कार्रवाइयों को निर्दयी और अमानवीय बताया।

वोल्कर टर्क ने ज़ोर देकर कहा कि इन अपराधों की तुरंत निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और ज़िम्मेदारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।उन्होंने कहा,आम नागरिकों पर हमला करना अंतरराष्ट्रीय क़ानून का गंभीर उल्लंघन है और यह युद्ध अपराध के तहत आता है।

टर्क ने यह भी कहा कि फिलिस्तीनी लोगों को ऐसे हालात में डाल दिया गया है कि उन्हें या तो भूख से मरना पड़ेगा या फिर सहायता प्राप्त करने की कोशिश में मार जाना होगा।उन्होंने इज़राइली शासन पर मानवीय सहायता वितरण से संबंधित अंतरराष्ट्रीय मानकों की खुली अवहेलना करने का आरोप लगाया।

उन्होंने आगे कहा,बीते 20 महीनों से आम नागरिकों की हत्या बड़े पैमाने पर तबाही, बार बार जबरन विस्थापन, इज़राइल की अमानवीय बयानबाज़ी, ग़ाज़ा के लोगों को निकालने की धमकी और भुखमरी यह सब अंतरराष्ट्रीय क़ानून के मुताबिक सबसे गंभीर अपराधों में गिने जाते हैं।

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