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अफ्रीका, एशिया, यूरोप और अमेरिका के 30 देशों द्वारा ग़ज़्ज़ा नरसंहार रोकने के उपायों की घोषणा

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अफ्रीका, एशिया, यूरोप और अमेरिका के 30 देशों द्वारा ग़ज़्ज़ा नरसंहार रोकने के उपायों की घोषणा

इजरायल को हथियार और सैन्य वस्तुओं की आपूर्ति पर रोक, हथियार ले जाने वाले संदिग्ध जहाजों पर प्रतिबंध, इजरायली संस्थानों से जुड़े सार्वजनिक अनुबंधों की समीक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत युद्ध अपराधों पर मुकद्दमे चलाने का समर्थन शामिल है।

कोलंबिया में 30 अफ्रीका, एशिया, यूरोप और अमेरिका के देशों के गठबंधन ने गाजा में जारी नरसंहार को रोकने और अंतरराष्ट्रीय कानून की प्रधानता को बहाल करने के लिए अभूतपूर्व क़ानूनी, आर्थिक और कूटनीतिक उपायों की एक श्रृंखला पर सहमति व्यक्त की है। यह आपातकालीन सम्मेलन हेग समूह की कार्यकारी सचिव वर्षा गांडिकोटा-नेलुटला की अध्यक्षता और कोलंबिया एवं दक्षिण अफ्रीका के सह-अध्यक्षता में हुआ, जिसमें 12 प्रमुख देशों ने इजरायल के सैन्य अभियानों और कब्जे की नीतियों को लक्षित करते हुए छह समन्वित कार्रवाइयों के लिए प्रतिबद्धता जताई है।

इन प्रतिबंधों में इजरायल को हथियार और सैन्य वस्तुओं की आपूर्ति पर रोक, हथियार ले जाने वाले संदिग्ध जहाजों पर प्रतिबंध (साथ ही गैर-अनुपालन जहाजों का झंडा हटाना), इजरायली संस्थानों से जुड़े सार्वजनिक अनुबंधों की समीक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत युद्ध अपराधों पर मुकद्दमे चलाने का समर्थन शामिल है। यह पहल सितंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित संकल्प A/RES/ES-10/24 के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य इजरायल के कब्जे और उल्लंघनों पर कठोर कार्रवाई करना है।

संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत फ्रांसेस्का अल्बानीस ने इस कदम को “महत्वपूर्ण” करार देते हुए अन्य देशों से भी सितंबर में होने वाली महासभा से पहले इस प्रयास में शामिल होने का आग्रह किया है। दक्षिण अफ्रीका के मंत्री रोनाल्ड लामोला ने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि कोई भी देश कानून से ऊपर नहीं है और द हेग समूह दंडमुक्ति के युग में अंतराष्ट्रीय कानून को आगे बढ़ाने के लिए समन्वित कदम उठा रहा है।

कोलंबियाई राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने इसे इतिहास रचने वाला क्षण बताया और कहा कि अब अंतरराष्ट्रीय कानून को अनदेखा नहीं किया जाएगा और फ़िलिस्तीनी जीवन की अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। 20 सितंबर, 2025 को न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा तक और अधिक देशों के इस गठबंधन में शामिल होने की संभावना बनी हुई है।

यह पहल गाजा में लगातार बढ़ रहे मानवीय संकट, बढ़ती हिंसा और फ़िलिस्तीनी लोगों की मौतों के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा उठाया गया एक सार्थक और समन्वित कदम है, जो इजरायली कब्जे और युद्ध अपराधों के खिलाफ कड़ा संदेश है।

 

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