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इस्राइल में गहरा विभाजन, नेतन्याहू-विरोधी थकी हुई सेना,

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इस्राइल में गहरा विभाजन, नेतन्याहू-विरोधी थकी हुई सेना,

इस्राइली सेना के कमांडरों ने सैनिकों की अत्यधिक थकावट का हवाला देते हुए चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा युद्ध का जारी रहना सैन्य उपकरणों के संकट और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को बढ़ावा देगा।

ज़ायोनी अख़बार "एदीऊत आहारोनोत" ने रिपोर्ट दी है कि इस शासन की सेना के कमांडरों ने अपनी आंतरिक बैठकों में सैनिकों की थकावट, गोला-बारूद और सैन्य उपकरणों की कमी, और इस तरह की कार्रवाई के ख़तरनाक परिणामों के कारण ग़ाज़ा शहर पर क़ब्ज़े की कैबिनेट योजना का विरोध किया है।

कुछ इस्राइली सूत्रों ने कहा है कि सेना के कमांडरों ने अपनी बैठकों और आंतरिक सूत्रों में सैन्य और रिज़र्व बलों की अत्यधिक थकावट के बारे में चेतावनी दी है और ज़ोर देकर कहा है कि युद्ध जारी रहने से टैंकों के उपकरण और गोला-बारूद की कमी हो गई है। एदीऊत  आहारोनोत अख़बार ने ज़ायोनी शासन की सेना के अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि हम हथियारों की ख़रीद और रक्षा उद्योग के लिए आवश्यक सामग्रियों के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के परिणामों को लेकर चिंतित हैं।

 लैपिड: नेतन्याहू इस्राइल को बर्बाद कर रहा है

 ज़ायोनी शासन के विपक्षी नेता "याइर लैपिड" ने इस्राइली सुरक्षा कैबिनेट के ग़ज़ा शहर पर कब्ज़े के फ़ैसले को एक आपदा करार दिया और चेतावनी दी कि यह फ़ैसला और भी बड़ी त्रासदियों को जन्म दे सकता है। लैपिड ने कहा: सेना और सुरक्षा बलों की राय के पूरी तरह खिलाफ़ और सैन्य बलों की थकावट व कमज़ोरी की अनदेखी करते हुए, बिन गविर और स्मोत्रिच ने नेतन्याहू को एक ऐसे क़दम की ओर धकेल दिया है जो महीनों चलेगा। यह इसराइली बंधकों और कई सैनिकों की मौत का कारण बनेगा, इसराइली टैक्सदाताओं को दर्जनों अरब डॉलर की लागत पड़ेगी और राजनीतिक पतन का कारण बनेगा। ज़ायोनी शासन की सुरक्षा कैबिनेट ने शुक्रवार को 10 घंटे की बहस के बाद बिन्यामिन नेतन्याहू की ग़ज़ा पट्टी पर कब्ज़े की योजना को मंज़ूरी दी।

 अपराध का इनाम ज़ायोनी सैनिक मानसिक रोगों से जूझ रहे हैं

 ज़ायोनी अख़बार "एदिऊत आहारोनोत" ने एक रिपोर्ट में लिखा: ज़ायोनी शासन के युद्ध मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अब तक 10 हज़ार से अधिक इसराइली सैनिक पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के लक्षणों से ग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें से 3,769 मामलों को आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया है और स्वीकार किया गया है। अनुमान है कि यह आंकड़ा दो साल से भी कम समय में 1 लाख से अधिक तक पहुंच सकता है और कम से कम आधे इसराइली सैनिक मानसिक रोगों से जूझ रहे होंगे। फ़िलिस्तीन सूचना केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में ज़ायोनी सेना ने 1,600 सैनिकों को मानसिक विकार से पीड़ित के रूप में पहचाना, जिनमें 693 सैनिक, 144 स्थायी स्टाफ सदस्य, 184 रिज़र्व सैनिक और लगभग 500 सेवानिवृत्त सैनिक शामिल हैं।

 इस्राइली क़ैदियों की माताएँ: डेढ़ साल के झूठे वादे काफ़ी हैं

 शुक्रवार को जब नेतन्याहू की कैबिनेट ग़ज़ा पट्टी पर पूर्ण क़ब्ज़े के लिए बैठक कर रही थी, उसी समय कई इसराइली क़ैदियों के परिवारों ने ज़ायोनी शासन की सुरक्षा कैबिनेट के कार्यालय के सामने यरूशलेम में प्रदर्शन किया और युद्ध को तुरंत समाप्त कर हमास आंदोलन से समझौते की मांग की। प्रदर्शन में भाग लेने वाले ज़ायोनी क़ैदियों के परिवारों ने खुद को सुरक्षा कैबिनेट कार्यालय के प्रवेश द्वार पर जंजीरों से बाँध लिया और इसराइली कैबिनेट से युद्ध समाप्त करने और इसराइली क़ैदियों की वापसी के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। एक क़ैदी की माँ ने कहा: 18 महीने से अधिक हो गए, बस वादे किए जा रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं तेल अवीव में भी प्रदर्शनकारियों ने मुख्य राजमार्ग को बंद कर ग़ज़ा में युद्ध समाप्त करने की मांग की।

 

 

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