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जब फ़ैमिली बिखर जाती है तो समाज में बुराइयां अपनी जड़ें फैला देती हैं

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जब फ़ैमिली बिखर जाती है तो समाज में बुराइयां अपनी जड़ें फैला देती हैं

एक स्थिर और मजबूत परिवार ही स्वस्थ समाज की नींव होता है। जब परिवारों में एकता, प्रेम और सहयोग की भावना कमजोर पड़ती है, तो समाज में अराजकता, अनैतिकता और अपराध जैसी बुराइयाँ फैलने लगती हैं। परिवार वह पहला स्कूल है जहाँ इंसान को संस्कार, अनुशासन और मानवीय मूल्य सिखाए जाते हैं।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फरमाया,एक स्थिर और मजबूत परिवार ही स्वस्थ समाज की नींव होता है। जब परिवारों में एकता, प्रेम और सहयोग की भावना कमजोर पड़ती है, तो समाज में अराजकता, अनैतिकता और अपराध जैसी बुराइयाँ फैलने लगती हैं। परिवार वह पहला स्कूल है जहाँ इंसान को संस्कार, अनुशासन और मानवीय मूल्य सिखाए जाते हैं।

औरत के हिजाब करने में, औरत के अपने लिए हिजाब को अपनाने में, औरत की इज़्ज़त और एहतेराम है।हिजाब औरत के लिए सुरक्षित माहौल बनाता है।

पश्चिमी सभ्यता में इस सीमा को तोड़ दिया गया है। और अब भी दिन ब दिन इस सीमा को लांघने का क्रम जारी है और इसको अलग अलग नाम भी देते जा रहे हैं, इस मसले ने सबसे पहला ख़राब असर यह पैदा किया कि परिवार और घर उजड़ गया है, फ़ैमिली की बुनियाद कमज़ोर हो गई।

जब किसी समाज में फ़ैमिली उजड़ जाए तो उस वक़्त उस समाज में बुराइयां अपनी जड़ें फैलाना शुरू कर देती हैं।

 

 

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