Print this page

इज़राइल के खिलाफ बेमिसाल वैश्विक सहमति, अमेरिका अकेला रह गया

Rate this item
(0 votes)
इज़राइल के खिलाफ बेमिसाल वैश्विक सहमति, अमेरिका अकेला रह गया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह हुआ आपातकालीन सत्र एक असाधारण और अभूतपूर्व तरीके से इज़राइल विरोधी माहौल वाला रहा, जहां अमेरिका को छोड़कर सभी देशों ने कतर पर इज़राइली हमले की कड़ी निंदा की हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह हुआ आपातकालीन सत्र एक असाधारण और अभूतपूर्व तरीके से इज़राइल विरोधी माहौल वाला रहा, जहां अमेरिका को छोड़कर सभी देशों ने कतर पर इज़राइली हमले की कड़ी निंदा की।

यह सत्र कतर की राजधानी दोहा पर इज़राइली आक्रमण के संदर्भ में न्यूयॉर्क में आयोजित किया गया, जिसमें कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल सानी ने भी भाग लिया। सत्र से पहले जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में परिषद के सदस्य देशों ने दोहा में आम नागरिकों की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए कतर की संप्रभुता और क्षेत्र में उसके मध्यस्थता प्रयासों का समर्थन किया।

संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक मामलों की सहायक महासचिव रोज़मेरी डिकार्लो ने इस हमले को "चौंकाने वाला" और "कतर की संप्रभुता की खुला उल्लंघन" बताते हुए कहा कि यह कदम गाजा में युद्धविराम वार्ता को तोड़ने के बराबर है।

इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, रूस, तुर्की और अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी इसी तरह से इज़राइल को कड़ी आलोचना का निशाना बनाया। ब्रिटिश प्रतिनिधि बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि यह हमला "कतर की संप्रभुता की खुला उल्लंघन और क्षेत्र की शांति के लिए गंभीर खतरा है। फ्रांस के प्रतिनिधि ने कहा कि यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है।

चीनी प्रतिनिधि ने कहा कि दोहा में हमास के प्रतिनिधिमंडल को निशाना बनाना "बदनीयती और वार्ताओं को तोड़ने की साजिश है। रूसी प्रतिनिधि वासिली नेबेंज़िया ने चेतावनी दी कि यह हमला उनके देश के मिशन से केवल 600 मीटर की दूरी पर हुआ और इसके खतरनाक नतीजे हो सकते हैं।

अरब और इस्लामी देशों विशेष रूप से मिस्र, अल्जीरिया, जॉर्डन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान और सोमालिया ने भी इज़राइल की इस आक्रामकता को कड़ी आलोचना का निशाना बनाया और इसे "क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने की इज़राइली नीति" का सिलसिला बताया।

पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने इज़राइल के बेबुनियाद आरोपों को खारिज करते हुए कहा,यह अस्वीकार्य है कि एक आक्रामक ताकत इज़राइल, सुरक्षा परिषद के सामने खुलेआम झूठ और बेबुनियाद दावे करे।

जॉर्डन के विदेश मंत्री ऐमन सफादी ने इसे "कायराना और विश्वासघाती हमला" बताया, जबकि कुवैत के प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया कि खाड़ी सहयोग परिषद ऐसे हमलों पर चुप नहीं बैठेगी।

हालांकि सुरक्षा परिषद के संयुक्त बयान में इज़राइल का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया, लेकिन सभी 15 सदस्यों ने इस पर सहमति जताई कि युद्ध तुरंत रुके, गाजा में कैदियों की रिहाई हो और अधिक मानवीय जानों के नुकसान को रोका जाए।

इज़राइली प्रतिनिधि ने अपने पारंपरिक धमकी भरे अंदाज में कतर को सीधे निशाना बनाते हुए कहा,कतर को अब फैसला करना होगा या तो वह हमास को निकाले और निंदा करे या फिर इज़राइल यह काम खुद करेगा।

Read 5 times