लक्ज़मबर्ग और माल्टा के प्रधानमंत्रियों ने मंगलवार सुबह संयुक्त राष्ट्र में आयोजित "टू-स्टेट सॉल्यूशन" सम्मेलन के दौरान फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने की घोषणा की हैं।
लक्ज़मबर्ग और माल्टा के प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र में आयोजित सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि फिलिस्तीन को मान्यता देना एक टिकाऊ शांति की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।
लक्ज़मबर्ग के प्रधानमंत्री लुक फ्राइडन ने कहा, दो-राष्ट्र समाधान ही टिकाऊ शांति का एकमात्र रास्ता है, इसी आधार पर हम फिलिस्तीन को मान्यता दे रहे हैं।उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम वार्ता के आधार पर दो-राष्ट्र समाधान की उम्मीदों को जीवित रखेगा।
वहीं माल्टा के प्रधानमंत्री रॉबर्ट एबेला ने कहा, हम फिलिस्तीन को मान्यता देते हैं ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि केवल दो-राज्य समाधान ही क्षेत्र में शांति की गारंटी दे सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि ग़ाज़ा में भूखमरी, नागरिकों और बुनियादी ढांचे पर हमले और वेस्ट बैंक में ज़ायोनी बस्तियों का हिंसक व्यवहार तुरंत बंद होना चाहिए।