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उलेमा और छात्रों की ज़िम्मेदारी है कि वे समाज को दीन की सही समझ की ओर मार्गदर्शन करें

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उलेमा और छात्रों की ज़िम्मेदारी है कि वे समाज को दीन की सही समझ की ओर मार्गदर्शन करें

 हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मदी लाइनी ने कहा,छात्रों की भारी ज़िम्मेदारी है कि वे समाज को धर्म की सही समझ की ओर मार्गदर्शन करें और जागरूकता एवं निरंतर प्रयास के माध्यम से धार्मिक भटकावों की पहचान करें और उन्हें सुधारें।

ईरान के माज़ंदरान प्रांत में विलायत-ए-फक़ीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद बाकिर मोहम्मदी लाइनी ने नए शैक्षणिक वर्ष के उद्घाटन समारोह में और मदरसा-ए-इल्मिया तख़स्सुसी अलज़हेरा सारी के उस्तादों और छात्रों की मौजूदगी में सभी छात्रों, शिक्षकों और मदरसे के ज़िम्मेदारों के लिए सफलता और बरकत वाले साल की दुआ की।उन्होंने कहा,नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत, अल्लाह की रहमत और नेमतों को पाने का बेहतरीन अवसर है।

उन्होंने धार्मिक क्षेत्र की चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए कहा,हमारी धार्मिक इतिहास में ऐसे बदलाव तहरीफ़ आए, जिनकी वजह से नबूवत और ख़िलाफ़त को एक-दूसरे से अलग कर दिया गया और अहलेबैत (अ.स.) के हक़ को नज़रअंदाज़ किया गया जिससे मुसलमानों के बीच गहरे मतभेद पैदा हुए।

हुज्जतुल इस्लाम लाइनी ने कहा,हम छात्रों की एक गंभीर और भारी ज़िम्मेदारी है कि हम सही जानकारी और लगातार प्रयासों के ज़रिए इन गुमराहियों को रोके और समाज को धर्म और अहलेबैत (अ.स.) के रास्ते की सही पहचान की ओर मार्गदर्शन करें।

उन्होंने आगे कहा,हमें उम्मीद है कि दुश्मनों की साज़िशें नाकाम होंगी इसतकबार साम्राज्यवादी ताकतें और उनके घुसे हुए एजेंट नाकाम रहेंगे और सब लोग अहलेबैत (अ.स.) के नूर के रास्ते पर ईमानदारी और सच्चाई के साथ चलते हुए धर्म और उम्मत के लिए एक रौशन भविष्य की नींव रखेंगे।

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