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फिलिस्तीन में जारी इस्रायली क्रूरता पर मुस्लिम शासकों की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण

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फिलिस्तीन में जारी इस्रायली क्रूरता पर मुस्लिम शासकों की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण

 जमात ए इस्लामी खैबर पख्तूनख्वा मध्य के अमीर अब्दुल वासए ने यह कहते हुए कि जमात-ए-इस्लामी और अल-खिदमत फाउंडेशन हर स्तर पर फिलिस्तीनी जनता के साथ खड़ा हैं कहा कि फिलिस्तीन में जारी इस्रायली क्रूरता पर मुस्लिम शासकों की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है।

जमात ए इस्लामी खैबर पख्तूनख्वा मध्य के अमीर अब्दुल वासए ने कहा है कि प्रांतीय सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों के निजीकरण का फैसला जनता के साथ दुश्मनी, अनुचित और विफल नीतियों का नतीजा है।

सरकार सार्वजनिक सेवा के संस्थानों को पूंजीपतियों के हवाले करके महंगाई से जूझ रहे गरीबों पर अत्याचार कर रही है। प्रांतीय सरकार तुरंत सरकारी संस्थानों के निजीकरण के फैसले पर पुनर्विचार करे और शिक्षा व स्वास्थ्य प्रणाली में मौलिक सुधार और पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित करे।

जमात-ए-इस्लामी के प्रांतीय अमीर अब्दुल वासए ने यह विचार मर्कज-ए-इस्लामी पेशावर में तहरीक-ए-मेहनत पाकिस्तान की सदस्यों और युवाओं की सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-मेहनत का उद्देश्य देश भर में धार्मिक और आंदोलनकारी साहित्य को आम करके बौद्धिक जागरण और इस्लामिक प्रचार को बढ़ावा देना है, जो आज के बौद्धिक अराजकता के दौर में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने गाज़ा में जारी इस्रायली आक्रामकता की सख्त शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि गाजा और फिलिस्तीन में जारी इस्रायली क्रूरता और बर्बरता पर मुस्लिम शासकों की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि जमात-ए-इस्लामी और अल-खिदमत फाउंडेशन हर स्तर पर फिलिस्तीनी जनता के साथ खड़ा हैं।

 

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