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फ़ौजी सलाहियत दुश्मन की धमकी को महत्वहीन बना देती है

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फ़ौजी सलाहियत दुश्मन की धमकी को महत्वहीन बना देती है

 कुरआन में अल्लाह ने मुमिनों को हिम्मत और ताकत से लैस होने की सलाह दी है ताकि वे न केवल अपने आप को बल्कि दूसरों को भी सुरक्षित रख सकें।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने फरमाया,कुरआन में अल्लाह ने मुमिनों को हिम्मत और ताकत से लैस होने की सलाह दी है ताकि वे न केवल अपने आप को बल्कि दूसरों को भी सुरक्षित रख सकें।

दुश्मन जब महसूस करता है कि आप कमज़ोर हैं तो यह एहसास उसे हमले पर उकसाता है और जब वह महसूस करता है कि आप ताक़तवर हैं तो अगर वो हमले का इरादा रखता भी होगा तो दोबारा सोचने पर मजबूर हो जाता है।

इसलिए अल्लाह फ़रमाता हैः “ताकि तुम उस (जंगी तैयारी) से ख़ुदा के दुश्मन और अपने दुश्मन को ख़ौफ़ज़दा कर सको।” (सूरए अन्फ़ाल, आयत-60)

इस तैयारी से जिस पर क़ुरआन मजीद में बल दिया गया है कि जिससे दुश्मन ख़ौफ़ज़दा हो सके, मुल्क में शांति वसुरक्षा क़ायम है। इसीलिए आप देखते हैं कि एक मुद्दत तक(अमरीकी) बार बार कहा करते थे कि फ़ौजी कार्यवाही का आप्शन मेज़ पर है।

अब काफ़ी समय से यह बात दोहराई नहीं जाती। यह बात महत्वहीन हो गयी है, वो जानते हैं कि यह बात निरर्थक हो चुकी है। ये आपकी सलाहियतों की वजह से है।

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