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इस्लामी क्रांति फ़ातिमी (एस) मार्ग की निरंतरता है

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इस्लामी क्रांति फ़ातिमी (एस) मार्ग की निरंतरता है

जामेअ मुदर्रेसीन हौज़ा इल्मिया क़ुम के उप प्रमुख ने कहा: इस्लामी क्रांति फ़ातिमी और हुसैनी मार्ग की निरंतरता है और अमेरीका की इस क्रांति से दुश्मनी दरहक़ीक़त उसकी तहज़ीबी और इलाही नौइयत से दुश्मनी है।

जामेअ मुदर्रेसीन हौज़ा इल्मिया क़ुम के उप प्रमुख आयतुल्लाह अब्बास काबी ने मदारिस-ए-अमीन के राबिता-कारों और सूबाई तब्लीगी उमूर के ज़िम्मेदारों के साथ आयोजित “करीमा ए अहले बैत (अ)” तर्बियती और ब्रीफ़िंग कोर्स में इस्लामी क्रांति की इल्मी, फ़िक्री और तहज़ीबी जहतों की व्याख्या करते हुए कहा: इस्लामी क्रांति फ़ातिमी और हुसैनी मार्राग की निरंतरता है और अमेरीका की इस क्रांति से दुश्मनी दरहक़ीक़त उसकी तहज़ीबी और इलाही नौइयत से दुश्मनी है।

उन्होंने कहा: हम अय्याम-ए-फ़ातिमियह के क़रीब हैं। हज़रत सिद्दीका कुबरा (स) विलायत की रक्षक थीं, उन्होंने बातिल के ख़िलाफ़ अकेले खड़े होकर ख़त-ए-विलायत व इमामत की रक्षा की। दरहक़ीक़त हमारी इस्लामी क्रांति भी इसी राह-ए-फ़ातिमियह का तसल्सुल है क्योंकि यह विलायत और हक़ीक़ी इस्लाम की रक्षा की बुनियाद पर आधारित है।

जामेअ मुदर्रेसीन हौज़ा इल्मिया क़ुम के उप प्रमुख ने आगे कहा: इस्लामी क्रांति एक फ़ातिमी क्रांति है और इसका नेता एक फ़ातिमी नेता है। हमारी क़ौम एक फ़ातिमी और हुसैनी क़ौम है जो आलमी उपनिवेशवाद के सामने डट कर खड़ी है। यह दृढ़ता दरहक़ीक़त मक्तब-ए-फ़ातिमियह से प्रेरित है।

उन्होंने आगे कहा: फ़ातेमी (स) स्कूल को समझे बग़ैर इस्लामी क्रांति को समझना सम्भव नहीं। हमारी क्रांति उसी नूरानी मार्ग की निरंतरता है जिसे हज़रत ज़हरा (स) ने आग़ाज़ किया था। आज सुप्रीम लीडर ने फ़ातिमी और हुसैनी क़ौम के हमराह उसी परचम को बुलंद कर रखा है। अलहम्दुलिल्लाह ईरानी क़ौम उसी हक़ीक़ी जज़्बे की तरफ़ बढ़ रही है।

 

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