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आर्थिक संकट के हल को देश में खोजा जाये।

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आर्थिक संकट के हल को देश में खोजा जाये।

इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इंसानियत विरोधी साम्राज्यवादी मोर्चे से संघर्ष का एकमात्र रास्ता, इस मोर्चे से मुक़ाबले की विचारधारा का जारी रहना बताया है।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार को पार्लियामेंट स्पीकर और सांसदों से मुलाकात में, इस्लामी सिस्टम के गठन और संघर्ष की विचारधारा के आधार पर इसके बाक़ी रहने की ओर इशारा करते हुए बल दिया कि साम्राज्यवादी मोर्चे से संघर्ष के जारी रहने की विचारधारा के बिना इस्लामी व्यवस्था के सर्वोच्च लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता। सुप्रीम लीडर ने बल दिया कि पिछले 35 वर्षों के दौरान निर्णायक व महत्त्वपूर्ण दौर को इस्लामी व्यवस्था द्वारा सफलतापूर्वक तय करना और इस्लामी रिपब्लिक ईरान की तरक्की, ईरानी राष्ट्र के गंभीर, सच्चे और बुद्धिमात्तापूर्ण संघर्ष की देन है और इस विचारधारा को जारी रहना चाहिए।

सुप्रीम लीडर ने आज की दुनिया को इंसानियत की प्रतिष्ठता व उसकी नैतिकता के लुटेरों से भरी हुई बताया और स्पष्ट किया कि वह इल्म व ज्ञान से लैस होकर तथा शक्ति व धन संपत्ति प्राप्त करके, इन्सानी मुखौटा पहनकर सरलता से अपराध करते हैं और मानवीय लक्ष्यों व उमंगों से विश्वासघात करते हैं और विश्व के विभिन्न इलाक़ों में जंग की आग भड़काते हैं। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कि जब तक शैतान और शैतानी मोर्चा मौजूद है, संघर्ष और प्रतिरोध समाप्त होने वाला नहीं है, कहा कि यह संघर्ष उसी समय समाप्त होगा जब मानवीय समाज स्वयं को साम्राज्यवादी मोर्चे और उसके मुखिया अमरीका की दुष्टता से मुक्ति करा ले। उन्होंने कहा कि अमरीका अपने ख़ूनी पंजों को इंसानियत के शरीर, उसकी आत्मा और उसके विचारों पर गाड़े हुए है।

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