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हज़रत फातेमा स.अ. का जीवन सत्य और सच्चाई का सर्वोत्तम उदाहरण है

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हज़रत फातेमा स.अ. का जीवन सत्य और सच्चाई का सर्वोत्तम उदाहरण है

आयतुल्लाह अहमद जन्नती ने कहा कि इस्लाम ने महिला को सर्वोच्च स्थान दिया है, और इमाम ख़ुमैनी (र.ह.) और क्रांति के नेता ने भी अपने भाषणों में महिलाओं की शान और महानता के संबंध में बार बार उल्लेख किया है।

आयतुल्लाह जन्नती ने गार्जियन काउंसिल की बैठक में हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ.) के जन्मदिन के अवसर पर बोलते हुए कहा कि हज़रत ज़हेरा (स.अ.) का संपूर्ण जीवन सत्य, साहस और पवित्रता का अनुपम उदाहरण है।

उन्होंने बताया कि आज कुछ भौतिकवादी विचारधाराएं इस्लाम की पारिवारिक व्यवस्था को कमजोर कर रही हैं और वैश्विक शक्तियां इन्हीं विकृत विचारों को दुनिया भर में फैलाने की कोशिश कर रही हैं।

आयतुल्लाह जन्नती ने कहा कि पैगंबर हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) और इमामों (अ.स.) ने हज़रत ज़हरा (स.अ.) का जिस तरह सम्मान किया, वह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि इस्लाम महिला को उच्च स्थान देता है।

उन्होंने कहा कि ईरान का संविधान भी इस्लामी शिक्षाओं के आधार पर महिलाओं के लिए सम्मान का पक्षधर है और मजबूत रुख रखता है।

उन्होंने हज़रत ज़हरा (स.अ.) के विशिष्ट गुणों का वर्णन करते हुए कहा कि आप (स.अ.) ईमान, सत्य की रक्षा, दृढ़ता, उत्तम तरीके से सत्य बात पहुंचाने और आशा के साथ संघर्ष करने की जीवंत मिसाल हैं।

आयतुल्लाह जन्नती ने कहा कि इस्लाम ने हमेशा महिला का सम्मान किया है, आज देश में बौद्धिक और विचारशील महिलाओं की संख्या बहुत अधिक है, क्रांति के महान नेता के अनुसार आज ईरान में जितनी शिक्षित, विचारशील और शोधकर्ता महिलाएं मौजूद हैं, उसकी इतिहास में मिसाल नहीं मिलती।

उन्होंने कहा कि भौतिकवादी विचारधारा वाली सभ्यताएं केवल विशेष समूहों के हित को देखती हैं, इसीलिए उनके समाज गंभीर समस्याओं में घिरे रहते हैं, जिनमें सबसे बड़ी समस्या परिवार की नींव का टूट जाना है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक साम्राज्यवाद इन्हीं समस्याओं को दुनिया में फैलाना चाहता है और विशेष रूप से महिलाओं के बारे में गलत और विनाशकारी मॉडल थोप रहा है।

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