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उप्र में नदियां उफान पर फसलें जलमग्न

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उप्र में नदियां उफान पर फसलें जलमग्न

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की कई नदियां उफान पर हैं।

गंगा, यमुना, शारदा, सरयू और घाघरा सहित प्रदेश की कई नदियां इस समय उफान पर हैं जिस के कारण तटवर्ती इलाकों में लोगों में भय व्याप्त हो गया है।  अधिक वर्षा के कारण सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है जबकि कई तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रदेश का प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर में शारदा नदी के कटान ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मंगलवार को शारदा बैराज पर नदी का जलस्तर ख़तरे के निशान 134.80 मीटर के निकट रहा।

घाघरा का जलस्तर 135.35 मीटर रहा। सीतापुर में चौका नदी ने ख़तरे के निशान को छू लिया। घाघरा नदी ख़तरे के निशान से मात्र 15 सेंटीमीटर की दूरी पर है।  सीतापुर के अधिकतर गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।

उधर श्रावस्ती में राप्ती के घटते-बढ़ते जलस्तर के बीच तटवर्ती गांवों में बाढ़ को लेकर लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं। वाराणसी में गंगा के पानी में एक मीटर वृद्धि दर्ज की गई। आजमगढ़ में घाघरा का जलस्तर भी बढ़ रहा है। मऊ में भी घाघरा में उफान के साथ ही कटान तेज हो गई है। गंगा व घाघरा के जलस्तर में धीमी गति से वृद्धि जारी है। दोनों नदियां आधा सेमी प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रही हैं।

इलाहाबाद में गंगा-यमुना में पानी अचानक बढ़ जाने से कछारी इलाकों में हड़कंप मच गया है। सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई जबकि कई गांवों और शहरों के तटीय इलाकों में बाढ़ आने का खतरा मंडराने लगा है। संगम क्षेत्र में गंगा का पानी मुख्य सड़क के बिल्कुल नजदीक पहुंच गया है। उप्र सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाढ़ प्रभावित इलाकों के अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

उप्र में जगह-जगह बाढ़ चौकियों की स्थापना की जा रही है।  जहां पर पहले से बाढ़ चौकियां मौजूद हैं वहां पर्याप्त मात्र में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है ताकि आवश्यकता पड़ने पर लोगों की सहायता की जा सके।

 

 

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