पैग़म्बरे इस्लाम की पांच सिफारिशें

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पैग़म्बरे इस्लाम की पांच सिफारिशें

पैग़म्बरे इस्लाम हमेशा लोगों से सिफारिश करते थे कि वे न केवल इंसानों बल्कि अन्य प्राणियों के साथ भी अच्छे व्यवहार, नेक बर्ताव, प्रेम और दया से पेश आयें। पैग़म्बरे इस्लाम से रिवायत है जिसमें आप फरमाते हैं कि मुझे अच्छे अख़लाक़ को शिखर पर पहुंचाने के लिए भेजा गया है।

अब हम अख़लाक़ के संबंध में पैग़म्बरे इस्लाम की 5 सिफारिशों का उल्लेख करते हैं। ये सिफारिशें व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक विकास में प्रभावी हैं।

 झूठ न बोलोः एक आदमी पैग़म्बरे इस्लाम की ख़िदमत में आया और बोला हे पैग़म्बर! मुझे ऐसी चीज़ की शिक्षा दें जिसमें दुनिया व आखेरत की भलाई हो। इस पर पैग़म्बरे इस्लाम ने फरमायाः झूठ न बोलो

  लोगों से नर्मी से पेश आओ और उनसे प्रेम करने वाले बनोः इस संबंध में पैग़म्बरे इस्लाम फरमाते हैं तुममें सबसे अच्छा अखलाक़ जिसका हो, दूसरों से प्रेम करता हो और दूसरे उससे प्रेम करते हों तो ऐसे इंसान अल्लाह के बेहतरीन बंदे हैं।

 महिलाओं का सम्मान करोः पैग़म्बरे इस्लाम की सिफ़ारिशों में से एक सिफारिश यह है कि महिलाओं का सम्मान करो और यह वह सिफारिश है जिसका पैग़म्बरे इस्लाम के सदाचरण में कई बार उल्लेख हुआ है। इस संबंध में पैग़म्बरे इस्लाम फरमाते हैं कि  तुममें सबसे बेहतर वह है जो अपने परिवार के लिए सबसे बेहतर है। शरीफ़ और महान इंसान के अलावा कोई महिला का सम्मान नहीं करेगा और तुच्छ व पस्त इंसान के अलावा कोई महिला को गिरी हुई नज़र से नहीं देखेगा।

 सगे-संबंधियों से रिश्तेदारी निभाना और पड़ोसियों के साथ अच्छा व्यवहार करनाः इस संबंध में पैग़म्बरे इस्लाम से रिवायत है कि सगे- संबंधियों के साथ संबंध रखना और पड़ोसियों के साथ अच्छा व्यवहार करने से उम्र अधिक होती है।

 पशुओं की ताक़त और क्षमता को ध्यान में रखनाः पैग़म्बरे इस्लाम पशुओं व प्राणियों के अधिकारों को ध्यान में रखने की सिफारिश करते हैं।

इन सिफारिशों और पैग़म्बरे इस्लाम की शिक्षाओं को 14 सौ साल पहले बयान किया गया है जो इस बात की सूचक हैं कि इस्लाम ने समस्त प्राणियों के अधिकारों पर ध्यान दिया है। पैग़म्बरे इस्लाम ने पशुओं के साथ प्रेम से व्यवहार करने के संबंध में फरमाया है कि जानवर के 6 अधिकार उसके मालिक पर हैं।

 

 जब मालिक अपने जानवर की पीठ से नीचे उतरे तो उसे उसका चारा दे।

 जब पानी के पास से गुज़रे तो उसके सामने पानी पेश करे।

  1. उसे ना-हक़ और बिला वजह न मारे।
  2. उस पर उसकी ताक़त से अधिक बोझ न लादे।
  3. उसे उसकी ताक़त से अधिक रास्ता न चलाए।
  4. ज्यादा देर तक उस पर सवारी न करे।
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