ईरान में लकड़ी के हस्तकला उद्योगों में से एक क़लमकारी भी है जो बहुत ही सूक्ष्म कला है। आज की चर्चा में हम आपको क़लमकारी से परिचित कराएंगे। क़लमकारी में क़लमकार, अनेक प्रकार की लकड़ियों, हाथी के दांत, हड्डी और सीप को प्रयोग करता है। इन वस्तुओं को त्रिभुज से लेकर दसभुजाओं के आकार में काटा जाता है। इन्हें बहुत ही छोटे आकार में काटा जाता है और हर भुजा से कई भुजाएं निकलती हैं जो दो से पांच मिलीमीटर की होती हैं। इन टुकड़ों को एक दूसरे से मिलाकर चिपकाया जाता है जिससे बहुत ही सुंदर आकार अस्तित्व में आता है। क़लमकार कई भुजाओं वाले टुकड़ों को बड़ी दक्षता के साथ चिपकाता है और उन्हें सान देता है ताकि एक जैसे दिखाई दें। इस विषय पर मोहम्मद और सईद के बीच बातचीत से पूर्व इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द पर ध्यान दीजिए। बीता हुआ
कल دیروز
बाज़ार की मस्जिद مسجد بازار
कला هنر
तक्षणकला کاری) (مُنبت مُنبت
लकड़ी पर चित्रकारी معرق
मैं परिचित हुआ من آشنا شدم
हस्तकला उद्योग صنایع دستی
लकड़ी का چوبی
वे हैं آنها هستند
बहुत بسیار
सूक्ष्म ظریف
सुंदर زیبا
ठीक है या सही है درست است
किन्तु ولی
अधिक सूक्ष्म ظریفتر
हमारे पास है ما داریم
नाम اسم
क़लमकारी या जड़ाउ का काम خاتم کاری
कलाकार هنرمند
ईरानी या ईरान का ایرانی
लकड़ी چوب
लकड़ियां چوبها
छोटा کوچک
कई कोणीय چند ضلعی
वह चिपकाता है او می چسباند
जैसे مثل
त्रिकोण مثلث
एक साथ मिला कर کنار هم
लगाए जाते हैं آنها قرار می گیرند
सब همه
सतह سطح
उसे छिपा देते हैं آنها می پوشانند
किन स्थानों पर چه جاهایی
उसे प्रयोग किया जाता है آن به کار می رود
छोटा बक्सा صندوقچه
क़लमदान قلمدان
दूसरी वस्तुएं چیزهایی دیگر
इमारत ساختمان
संसद مجلس
राष्ट्रीय ملی
ढका हुआ پوشیده از
वास्तव में واقعا
क्या ऐसा नहीं है این طور نیست؟
वह है او است
उसे होना चाहिए او باید باشد
इसके साथ ही या इसके अतिरिक्त ضمنا
हाल سالن
आधार بنا
दीवार دیوار
छत سقف
अन्य سایر
उपकरण, औज़ार, وسایل ، تجهیزات
सुंदर زیبا
मोहम्मद: कल बाज़ार की मस्जिद में तक्षणकला और लकड़ी पर चित्रकारीकी कला से परिचित हुए।
محمد: دیروز در مسجد بازار با هنرهای منبت و معرق آشنا شدم
सईद: तक्षणकला और लकड़ी पर चित्रकारी ईरान के हस्तकला उद्योग में हैं।
سعید: منبت و معرق از صنایع دستی چوبی ایران هستند
मोहम्मद: ये कलाएं बहुत की सूक्ष्मव सुंदर हैं।
محمد: آنها بسیار ظریف و زیبا هستند
सईद: ठीक है। किन्तु तक्षकणकला और लकड़ी पर चित्रकारी से भी अधिक सूक्ष्म कलाएं मौजूद हैं।
سعید: درست است. ولی از منبت و معرق ، هنر ظریفتری هم داریم
मोहम्मद: इस कला का क्या नाम है ? محمد: اسم این هنر چیست؟
सईद: क़लमकारी, इस कला में ईरानीकलाकार बहुत ही छोटी व कई कोणीय आकार में कटी हुयी लकड़ियों को एक साथ चिपकाते हैं।
سعید: هنر خاتم کاری. در این هنر، هنرمند ایرانی چوبهای بسیار کوچک و چند ضلعی را به هم می چسباند.
मोहम्मद: लकड़ी पर चित्रकारी कीभांति محمد: مثل معرق؟
सईद: नहीं। क़लमकारी में बहुत हीछोटे छोटे त्रिकोण एक के बाद एकइस प्रकार एक साथ चिपकाए जाते हैंकि पूरी सतह छित जाती है।
سعید: نه. در خاتم کاری، مثلثهای بسیار کوچک کنار هم قرار می گیرند و همه سطح کار رامی پوشانند
मोहम्मद: इस सूक्ष्म कला को कहांकहां प्रयोग किया जाता है?
محمد: این هنر ظریف در چه جاهایی به کار می رود؟
सईद : छोटे छोटे बक्सों, क़लमदानोंसहित दूसरी वस्तुओं पर। ईरान की राष्ट्रीय संसद की इमारत परक़लमकारी की गयी है।
سعید : در صندوقچه ها، قلمدانها و چیزهای دیگر. ساختمان مجلس ملی ایران پوشیده از خاتم کاری است
मोहम्मद: वास्तव में यह इमारत तो बहुत बड़ी होगी? क्यों ऐसा नहीं है?
محمد: واقعا"؟ این ساختمان باید بزرگ باشد. این طور نیست؟
सईद: जी हां। इस इमारत के हाल की दीवारों के साथ ही, छत सहित अन्य सुंदर वस्तुओं पर क़लमकारीकी गयी है।
سعید: بله. ضمنا" در سالن این بنا، خاتم کاری دیوارها ، سقف و سایر وسایل زیبا است
मोहम्मद और सईद के बीच फ़ारसी में वार्तालाप को एक बार फिर।
محمد: دیروز در مسجد بازار با هنرهای منبت و معرق آشنا شدم .
سعید: منبت و معرق از صنایع دستی چوبی ایران هستند.
محمد: آنها بسیار ظریف و زیبا هستند سعید: درست است. ولی از منبت و معرق، هنر ظریفتری هم داریم محمد: اسم این هنر چیست؟
سعید: هنر خاتم کاری. در این هنر، هنرمند ایرانی چوبهای بسیار کوچک و چند ضلعی را به هم می چسباند محمد: مثل معرق؟ سعید: نه. در خاتم کاری، مثلثهای بسیار کوچک کنار هم قرار می گیرند و همه سطح کار را می پوشانند محمد: این هنر ظریف در چه جاهایی به کار می رود؟
سعید: در صندوقچه ها، قلمدانها و چیزهای دیگر. ساختمان مجلس ملی ایران پوشیده ازخاتم کاری است .
محمد: واقعا"؟ این ساختمان باید بزرگ باشد. این طور نیست؟
سعید: بله. ضمنا" در سالن این بنا، خاتم کاری دیوارها، سقف و سایر وسایل زیبا است.
क़लमकारी बहुत ही प्रशंसनीय कला है। इस सूक्ष्म कला का इतिहास ईरान में बहुत पुराना है। उदाहरण के लिए इस्फ़हान की अतीक़ जामा मस्जिद का मिंबर जिस पर क़लमकारी की गयी है, एक हज़ार से अधिक पुराना है। इस मस्जिद के मुख्य बरामदे की पूरी छत पर क़लमकारी की गयी जो कम से कम 600 वर्ष पुरानी है। क़लमकारी में अनेक प्रकार के रंगों का प्रयोग किया है। इसी प्रकार सीप हाथी दांत, हड्डी, धात के तारों की इस प्रकार प्रयोग किया गया है कि इस कला में चार चांद लग गया है। अच्छी क़लमकारी उसे कहा जाता है जिसमें छोटे आकार के चित्र चित्र हों और शीराज़, इस्फ़हान व तेहरान को इस कला का केन्द्र समझा जाता है।अलबत्ता तेहरान में अधिकांश क़लमकार शीराज़ और इस्फ़हान के हैं।