दो मित्र मुहम्मद और रामीन बाज़ार की मस्जिद में पवित्र क़ुरआन को सजाने, उद्घोधन और उसको प्रदीप्त करने के बारे में बात कर रहे हैं। मुहम्मद मस्जिद में रखे सुन्दर मिंबर की ओर जाता है। लकड़ी की बनी सीढ़ीदार व ऊंची कुर्सी को मिंबर कहते हैं। मिंबर में लगभग चार से पांच सीढ़ीयां होती है। मिंबर पर बैठकर धर्म गुरू लोगों को धार्मिक और शिक्षा संबंधी विषयों के बारे में बताते हैं। सामान्यतः मस्जिद में रखा हुआ मिंबर जड़ाव और प्रस्वेदक जैसी विभिन्न कलाओं से सुसज्जित रहता है। आरंभ में इस वार्ता में प्रयोग होने वाले शब्दों पर ध्यान दीजिए!
मिंबर منبر
मस्जिद مسجد
अनेक मस्जिद (बहु वचन) مساجد
मनोहर या सूक्ष्म ظريف
अति मनोहर ظريف تر
सुंदर زيبا
अति सुंदर زيبا تر
देश كشور
देशों كشورها
दूसरे या अन्य ديگر
सुन्दर تزيين
रोचक جالب
कला هنر
वे कहते हैं آنها می گويند
जड़ाव या जड़ना منبت
जड़ाव या जड़ने का कार्य منبت كاری
लकड़ी چوب
तक्षकला या नक़्क़ाशी كنده كاری
नक़्क़ाशी या तक्षकला करते हैं كنده كاری مي كنيم
प्राचीन قدیمی
फ़सा एक नगर का नाम فسا
फ़ार्स فارس
पांच हज़ार پنج هزار
पांच हज़ार वर्षीय پنج هزار ساله
मौजूद है جود دارد
द्वार درب
प्रस्वेदक कहते हैं معرق ما مي گوئيم
उपकरण या माध्यम وسيله
उपकरण या माध्यम (बहुवचन) - تجهیزات وسایل
लकड़ी का چوبی
संबंधित مربوط به
अंतर या भिन्नता تفاوت
अंतर या भिन्नताएं تفاوتها
टुकड़ा قطعه
तक्षकला या नक़्क़ाशी کنده کاری
चिपकाना या जोड़ना آنها چسبیده اند
ऐसा प्रतीत होता है انگار
बड़ा بزرگ
छोटा كوچك
चिपकाना چسبانده اند
वे चिपकाते हैं या जोड़ते हैं آنها مي چسبانند
वे काटते हैं آنها مي برند
टुकड़ा تکه
रंगीन رنگی
मुख्य اصلی
विदित متنوع
रंग رنگ
सुन्दर زيبا
अब हम मुहम्मद और रामीन की बातों पर एक नज़र डालते हैं। वह मिंबर और जड़ाव व प्रस्वेदक कलाओं के बारे में बातें कर रहे हैं।
मुहम्मदः रामीन, ईरान की मस्जिदों के मिंबर अन्य देशों के मिंबरों से अतिसुंदर और मनोहर होते हैं, इस मिंबर पर बहुत ही आकर्षक सजावट है, इस कला को क्या कहते हैं।
محمد - رامین ! منبر مساجد ایران ظریف تر و زیباتر از منبر در کشورهای دیگر است . این منبر تزیین جالبی دارد ! به این هنر چه مي گويند ؟
रामीनः इस कला को जड़ाव की कला कहते हैं, अर्थात लकड़ी के ऊपर नक़्क़ाशी या तक्षकला की जाती है।
رامین - به اين هنر منبت کاری مي گوييم . یعنی روی چوب کنده کاری می کنیم .
मुहम्मदः क्या ईरान की प्राचीन कलाओं में से एक प्रस्वेदक भी है ?
محمد - منبت هم یک هنر قدیمی ایران است ؟
रामीनः हां, फ़ार्स प्रांत के फ़सा नगर में पांच हज़ार वर्षों से जड़ाव का कार्य हो रहा है।
رامین - بله . در شهر فسا در فارس ، منبت كاري پنج هزار ساله وجود دارد .
मुहम्मदः इस मस्जिद के द्वार पर भी जड़ाव का काम किया गया है ?
محمد - درب این مسجد هم منبت كاري شده است ؟
रामीनः नहीं, इस कला को प्रस्वेदक कहते हैं, प्रस्वेदक कला भी लकड़ी के उपकरणों से संबंधित कला है।
رامین - نه . به این هنر معرق می گوییم . معرق هم هنري مربوط به وسایل چوبی است .
मुहम्मदः प्रस्वेदक और जड़ाव की कलाओं में क्या अंतर है
محمد - منبت و معرق چه تفاوتی دارند ؟
रामीनः जड़ाव, एक बड़ी सी लकड़ी के टुकड़े पर नक़्क़ाशी है।
رامین - منبت ، کنده کاری روی یک قطعه چوب بزرگ است .
मुहम्मदः ऐसा लगता है कि प्रस्वेदक में इन छोटी लकड़ियों को एक दूसरे से जोड़ा गया है।
محمد - ولی انگار در معرق این چوبهای کوچک را به هم چسبانده اند .
रामीनः हां, लकड़ी के एक छोटे से रंगीन टुकड़े को काटते हैं और मुख्य लकड़ी पर चिपकाते हैं।
رامین - بله . تکه چوبهای رنگی کوچک را می برند و روی چوب اصلی می چسبانند .
मुहम्मदः इन लकड़ियों के रंग विदित और सुंदर हैं।
محمد - رنگ این چوبها هم متنوع و زيبا است .
मुजरीः एक बार फिर बिना अनुवाद के मुहम्मद और रामीन की वार्ता सुनते हैं।
محمد - رامین ! منبر مساجد ایران ظریف تر و زیباتر از منبر در کشورهای دیگر است . این منبر تزیین جالبی دارد ! به این هنر چه مي گويند ؟ رامین - به اين هنر منبت کاری مي گوييم . یعنی روی چوب کنده کاری می کنیم . محمد - منبت هم یک هنر قدیمی ایران است ؟ رامین - بله . در شهر فسا در فارس ، منبت كاري پنج هزار ساله وجود دارد . محمد - درب این مسجد هم منبت كاري شده است ؟ رامین - نه . به این هنر معرق می گوییم . معرق هم هنري مربوط به وسایل چوبی است . محمد - منبت و معرق چه تفاوتی دارند ؟ رامین - منبت ، کنده کاری روی یک قطعه چوب بزرگ است . محمد - ولی انگار در معرق این چوبهای کوچک را به هم چسبانده اند . رامین - بله . تکه چوبهای رنگی کوچک را می برند و روی چوب اصلی می چسبانند . محمد - رنگ این چوبها هم متنوع و زيبا است .
जड़ाव का काम, लकड़ी के बड़े से टुकड़े पर नक़्क़ाशी है। लकड़ी को छीलना और लकड़ी पर विभिन्न प्रकार की शक्लें बनाना और उभरे व नीचे की ओर गये सुन्दर बेल और बूटों से उसका श्रंगार करना है। जड़ाव के कार्य में एक लकड़ी का चयन करते हैं और उसके ऊपर नक़्क़ाशी की जाती है। यह नक़्क़ाशी विभिन्न प्रकार की शक्लों में हो सकती है किन्तु प्रस्वेदक इससे भिन्न है। प्रस्वेदक में एक आरंभिक डिज़ाइन या नक़्क़ाशी होती है और इस डिज़ाइन को बहुत छोटे-2 भागों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक भाग को पतली व नाज़ुक लकड़ी से छीला जाता है। छीले गये टुकड़े को मुख्य लकड़ी पर चिपकाते हैं ताकि डिज़ाइन और नक़्क़ाशी उभरी हुई दिखने लगे। प्रस्वेदक कला ईरान की एक सूक्ष्म कला है जो मिंबरों, मस्जिद व हवेलियों के दरवाज़ों, लकड़ी के बक्सों व बैनरों जैसे महत्त्वपूर्ण स्थानों पर की जाती है।
प्रत्येक दशा में ईरानी कलाओं में प्रत्येक चीज़ों व स्थलों को सुसज्जित किया जाता है। विशेषकर मस्जिदें और तीर्थस्थल जैसे आध्यात्मिक स्थलों पर ईरानी कलाएं चरम सीमा पर होती हैं। मित्रो आप ईरान की यात्रा करें और ईरानी कला के प्रदर्शन को निकट से देखें और प्रस्वेदक कला से बने सुदरतम और मूल्यवान बैनरों को अपने प्रिय जनों को उपहार दें।