ईरानी विदेश मंत्रालय ने नकबा दिवस के उपलक्ष्य में एक बयान जारी करके एक बार फिर अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के मुक़ाबले में फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के समर्थन पर बल दिया है।
फ़िलिस्तीन पर ज़ायोनी शासन के अवैध क़ब्ज़े की बरसी या नकबा दिवस के उपलक्ष्य में जारी होने वाले बयान में ज़ायोनी काॅलोनी निर्माण जैसे इस शासन के अवैध व अमानवीय कार्यों के संसार में हो रहे भरपूर विरोध की सराहना करते हुए कहा गया है कि फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के संबंध में ज़ायोनी शासन के षड्यंत्रों की समाप्ति के लिए विश्व स्तर पर कार्यवाही की जानी चाहिए। ईरानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि इस्लामी जगत के हृदय और फ़िलिस्तीन की अवैध अधिकृत धरती में अवैध ज़ायोनी शासन का गठन, फ़िलिस्तीन के इतिहास के सबसे दुखद दिनों और इस राष्ट्र पर पड़ने वाली असंख्य मुसीबतों की याद दिलाता है।
बयान में कहा गया है कि फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों पर अवैध क़ब्ज़ा जारी रखना, निर्दोष फ़िलिस्तीनियों की हत्या, बैतुल मुक़द्दस के यहूदीकरण की कोशिश, मस्जिदुल अक़सा का अनादर, पश्चिमी तट में यहूदी काॅलोनियों का निर्माण और ग़ज़्ज़ा की दस वर्षों से जारी घेराबंदी ज़ायोनी शासन के एेसे अपराध हैं जिन्होंने पूरी विश्व की घृणा को भड़का दिया है। ज्ञात रहे कि 68 साल पहले 14 मई 1948 को ज़ायोनियों ने अंग्रेज़ों की सहायता से फ़िलिस्तीन की धरती पर अवैध रूप से क़ब्ज़ा करके वहां ज़ायोनी शासन का गठन कर दिया था। इस धरती के दसियों लाख निवासी अब भी शरणार्थियों का जीवन बिता रहा हैं।