शनिवार को ईरानी नए साल की शुरुवात हो गई। नौरोज़ के बधाई संदेश में ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामनेई ने कई अहम बातों की तरफ इशारा किया
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने पिछले साल को कोरोना महामारी और अमेरिका के अधिकतम दबाव से मुकाबले के लिए ईरानी राष्ट्र की क्षमताओं के उजागर होने का साल बताते हुए कहा कि ईरान के दुश्मन, जिनमें सबसे ऊपर अमेरिका है, इस उम्मीद में थे कि ईरानी राष्ट्र उनके सामने घुटने टेक दे हालाँकि हम जानते थे कि ईरान कभी भी अमेरिका के सामने घुटने नहीं टेकेगा बल्कि अमेरिका के सामने डट जाएगा और हुआ भी यही ईरान और ईरान की जनता अमेरिका के सामने डट गई जिससे ये बात साबित हो गई है कि हमको दुनिया की कोई भी ताक़त झुका नहीं सकती और आज ख़ुदअमेरिका और उसके यूरोपीय दोस्त मान रहे हैं कि उनकी अधिकतम दबाव की नीति विफल हो चुकी है।
ईदे नौरोज़ के अवसर सुप्रीम लीडर ने अपने संदेश में उत्पादन का समर्थन जारी रखने, कठिनाइयों के मुक़ाबले में घुटने न टेकने और रुकावटों व बाधाओं को ख़त्म किये जाने पर ज़ोर दिया ।
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने अपने संदेश में जिन बातों पर ज़ोर दिया वो इस तरह की है।
- दबावों व कठिनाइयों के मुकाबले में डट जाना और देश के भविष्य के निर्माण के लिए आगे बढ़ते रहना
- विकास कार्यों को लगातार जारी रहना। इसी प्रकार उत्पादन के मार्ग की रुकावटों को दूर करने के लिए प्रयासों का हमेशा जारी रहना।
- ईरानी राष्ट्र ने इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से जिस तरह से दुनिया की साम्राज्वादी ताक़तों का मुक़ाबिला किया वैसे ही ये आगे भी मुक़ाबिला करता रहेगा ।
- मुश्किलों और कठिनाइयों का समाधान, एक राष्ट्र के मज़बूत होने का कारण बनता है जिस तरह महान ईरानी राष्ट्र ने अब तक किया है।
- बहरहाल अब तक ईरानी राष्ट्र ने अनगिनत कठिनाइयों का डटकर मुकाबला और उनका समाधान किया और उसके इस काम का नतीजा ईरान की मज़बूती है और दुनिया के बहुत से देश और लोग ईरान को आदर्श की दृष्टि से देखते हैं।