ईरान के बारे में तथ्यपरक देशों की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि ईरान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के बजाए अन्तर्राष्ट्रीय तथ्यपरक टीम को अपने ही देशों में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच करनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की तथ्यपरक समिति ने ईरान में पिछले साल होने वाले उपद्रवों के बारे अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि ईरान में मानवाधिकारों का हनन देखा गया है। नासिर कनआनी ने इसका कड़ाई से खण्डन किया है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में पेश की गई बातों का कोई भी क़ानूनी आधार नहीं है।
ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह रिपोर्ट बताती है कि इसको जर्मनी, ब्रिटेन, अमरीका और ज़ायोनियों से पैसे लेकर बनाया गया है जिनके आदेश पर इसको तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि तथ्यपरक समिति का गठन करने वाले देश, ईरान के भीतर शासन की मज़बूती से अप्रसन्न हैं। पिछले साल ईरान में अशांति फैलाने में उनका हाथ रहा किंतु उसमें भी वे विफल रहे इसलिए बहुत क्रोधित हैं। अब वे एक रिपोर्ट पेश करके ईरानी राष्ट्र से बदला लेना चाहते हैं।
ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने कहा कि तथाकथित तथ्यपरक समिति का गठन करने वाले देशों के लिए उचित यह होगा कि वे ईरान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के बजाए अपने ही देशों में किये जा रहे मानवाधिकारों के हनन के बारे में कोई कार्यवाही करें।