अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन कहते हैं कि उन्हें यक़ीन है कि ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू इस्राईल के लिए फ़ायदेमंद से ज़्यादा नुक़सानदेह हैं।
एमएसएनबीसी टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए जो बाइडन ने कहा कि ग़ज़ा जंग को नेतनयाहू जिस तरह हैंडल कर रहे हैं उसको देखकर यही लगता है कि वो इस्राईल को फ़ायदा नहीं नुक़सान पहुंचा रहे हैं।
जो बाइडन ने यह भी कहा कि रफ़ह शहर पर हमले का मामला उनकी रेड लाइन है। अब सवाल यह है कि अगर जो बाइडन की सोच वाक़ई यही है तो उन्होंने ग़ज़ा युद्ध के पहले दिन से ज़ायोनी शासन के खुलकर समर्थन का एलान क्यों किया। जो बाइडन यहां तक आगे चले गए कि उन्होंने ज़ायोनी शासन के हमलों में फ़िलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों के नरसंहार को सेल्फ़ डिफ़ेंस का नाम दिया और ज़ायोनी शासन की मदद के लिए एयर ब्रिज बना दिया ताकि इस्राईल को ग़ज़ा पट्टी पर हमलों में किसी भी तरह हथियारों की कोई कमी न हो। जो बाइडन ने पूरी ताक़त लगा दी कि ज़ायोनी शासन को शिकस्त से बचाएं।
सच्चाई यह है कि जो बाइडन ग़ज़ा में जारी नस्लीय सफ़ाए की जंग में नेतनयाहू का अपराध में पूरी तरह भागीदार हैं। उन्होंने 2 हज़ार से ज़्यादा अमरीकी मेरीन्ज़ भेजे हैं जो ग़ज़ा युद्ध में ज़ायोनी शासन की मदद कर रहे हैं। जो बाइडन ने ग़ज़ा पट्टी में तटीय इलाक़े में एक अस्थायी बंदरगाह बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। नाम तो यह दिया है कि मानवीय सहायता गज़ा वासियों तक पहुंचाने का यह ज़रिया है लेकिन दरअस्ल यह ज़ायोनी शासन की भयानक साज़िश को अमली जामा पहनाने की कोशिश है।
नेतनयाहू का जहां तक सवाल है तो उनकी मूर्खता और नाकामियों से पर्दा हटाने वाली उनकी ग़लतियां नहीं बल्कि फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ की विवेकपूर्ण कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की गतिविधियां और फ़ैसले हैं जिन्होंने अपनी बहादुरी और दूरदर्शिता से इस्राईल के साथ ही अमरीका की भी योजनाओं पर पानी फेर दिया है।