भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए जो एक साथ होंगे तेलुगु देशम पार्टी और जन सेना पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा की है।
एक संयुक्त बयान में तीनों पार्टियों ने कहा कि साथ आने से आंध्र प्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने में मदद मिलेगी।
बयान में कहा गया कि भाजपा और टीडीपी का बहुत पुराना रिश्ता है। टीडीपी 1996 में एनडीए में शामिल हुई और अटल बजी और नरेंद्र मोदी जी की सरकार में सफलतापूर्वक साथ काम किया। 2014 में टीडीपी और भाजपा ने लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। जेएसपी ने आंध्र प्रदेश में 2014 के आम चुनाव और विधानसभा चुनावों में समर्थन दिया था।
हालांकि गठबंधन पर मुहर लग चुकी है लेकिन सीट-बंटवारे की व्यवस्था की औपचारिक घोषणा होना बाकी है। भाजपा ने कहा कि एक-दो दिन में तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा।
गठबंधन पर मुहर लगने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश में हम सभी सीटें जीतेंगे।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश बुरी तरह बर्बाद हो गया है, भाजपा और टीडीपी का एक साथ आना देश और राज्य के लिए शुभ संकेत है।
ज्ञात रहे कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मोदी सरकार के इनकार के बाद टीडीपी 2018 में एनडीए से बाहर हो गई थी।
इसके बाद, टीडीपी ने ‘धर्म पोरातम’ या ‘न्याय के लिए लड़ाई’ शुरू की और एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘आतंकवादी’ करार देते हुए नायडू ने उन पर अपनी पत्नी को ‘छोड़ने’ का भी आरोप लगाया था।
हालांकि टीडीपी को 2019 के चुनावों में अभूतपूर्व हार का सामना करना पड़ा, जब उन्हें वर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने सत्ता से बाहर कर दिया।
नायडू तब से एनडीए में लौटने के इच्छुक थे, जिन्होंने जून 2023 में पांच साल में पहली बार शाह से मुलाकात की थी।