तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम आयतुल्लाह इमामी काशानी ने कहा कि जनता को इस्लामी व्यवस्था से विमुख करने के सारे प्रयास परिणामहीन रहेंगे।
आयतुल्लाह इमामी काशानी ने तेहरान विश्वविद्यालय के कैंपस में नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में कहा कि शत्रु ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के परिणामों को बहुत बढ़ा चढ़ाकर दिखाते हैं और ईरान की सफलताओं व उपलब्धियों पर पर्दा डालने का प्रयास करते हैं ताकि जनता और इस्लामी शासन व्यवस्था के बीच खाई उत्पन्न हो किंतु उनके यह प्रयास परिणामहीन रहेंगे। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने कहा कि ईरानी जनता प्रबल इच्छाशक्ति के साथ और विभिन्न अवसरों पर अपनी भरपूर उपस्थिति और साझेदारी से इस्लामी लोकतंत्र व्यवस्था के समर्थन की घोषणा करेगी और पश्चिमी शक्तियों को याद रखना चाहिए कि ईरानी जनता अपने अधिकारों से पीछे नहीं हटेगी बल्कि दबावों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर नियंत्रण करके शत्रुओं को निराशा कर देगी।
आयतुल्लाह इमामी काशानी ने इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता की ओर से नए ईरानी वर्ष 1392 हिजरी शम्सी को राजनैतक व आर्थिक संघर्ष का साल घोषित किए जाने का हवाला दिया और कहा कि ईरानी जनता जून 2013 में होने वाली राष्ट्रपति चुनावों में भरपूर उपस्थिति द्वारा इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था से अपनी वफ़दारी का प्रमाण पेश करेंगे।