फिलिस्तीन में इस्राईल की ओर से किये जा रहे जनसंहार के खिलाफ दुनियाभर विशेष कर अमेरिका और यूरोप में जनाक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिका के विश्वविद्यालयों में छात्रों ने आंदोलन तेज़ कर दिया है जिसे कुचलने के लिए अमेरिकी प्रशासन ने पूरा ज़ोर लगा दिया है। अकेले न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में 550 से अधिक छात्रों को बंदी बना लिया गया है।
इस्राईल ग़ज़्ज़ा में अब तक 34,356 लोगों की हत्या कर चुका है, मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। इस्राईल की हरकतों के कारण दुनियाभर में यहूदियों और खासकर ज़ायोनीवादियों के खिलाफ नफरत बढ़ रही है। अमेरिका के एक ज़ायोनी विरोधी विरोध नेता को यह कहते हुए दिखाया गया है कि ज़ायोनीवादी "जीने के लायक नहीं हैं" और उन्हें मार दिया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रदर्शन और भड़क गया।
अमेरिका के विश्वविद्यालयों में प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि इस्राईल से वित्तीय संबंध तोड़ देना चाहिए और उन कंपनियों से अलग हो जाएं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे संघर्ष को बढ़ावा दे रही हैं।
बता दें कि अमेरिका की कई यूनिवर्सिटी में प्रोटेस्ट हो रहा है। जो बाइडन ने अपील की है कि छात्र शांति बनाए रखें। वहीं ज़ायोनी प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस प्रोटेस्ट की निंदा करते हुए कहा है कि प्रोटेस्ट कर रहे लोग यहूदी विरोधी हैं।