फ़िलिस्तीन के समर्थन में इज़राइल के ख़िलाफ़ छात्र आंदोलन को हिंसक रूप से दबाने की सरकार की कोशिशों और पुलिस की बर्बरता के ख़िलाफ़ पूरे ईरान में विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों और छात्रों ने इस आंदोलन के समर्थन में रैलियाँ निकालीं।
ईरान भर के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों ने गाजा में ज़ायोनी सरकार द्वारा किए गए अपराधों की निंदा करते हुए अमेरिकी और यूरोपीय विश्वविद्यालयों के छात्रों और प्रोफेसरों के विरोध आंदोलन के समर्थन में रैलियाँ आयोजित कीं, जिसमें छात्रों और प्रोफेसरों पर अमेरिकी द्वारा हमला किया गया था। पुलिस की क्रूर हिंसा की निंदा की गई।
पूरे ईरान के विश्वविद्यालयों में छात्रों ने फ़िलिस्तीनी झंडे लहराए और "अमेरिका मुर्दाबाद, इज़रायल मुर्दाबाद," "अल्लाहु अकबर," या "इहा-उल-मुस्लिमुन उथदवा-उथदवा" के नारे लगाए और फ़िलिस्तीन के समर्थन में शुरू हुए आंदोलन के लिए अपना समर्थन घोषित किया।
ज्ञात हो कि गाजा के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और नरसंहारक ज़ायोनी सरकार की निंदा करने के लिए अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय से छात्र आंदोलन शुरू हो गया है। अमेरिकी पुलिस द्वारा इन प्रदर्शनों के दमन और बड़ी संख्या में छात्रों की गिरफ्तारी के बावजूद इस आंदोलन की चिंगारी कोलंबिया विश्वविद्यालय से लेकर अन्य अमेरिकी विश्वविद्यालयों जैसे न्यूयॉर्क, हार्वर्ड, येल, टेक्सास और दक्षिणी कैलिफोर्निया तक फैल गई और फिर अन्य पश्चिमी देशों, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया तक पहुँचते हुए इन विश्वविद्यालयों के सैकड़ों छात्रों और प्रोफेसरों को गिरफ्तार किया गया है।