बॉबी सैंड्स स्ट्रीट से बॉबी सैंड्स बर्गर तक, तेहरान में आयरिश हीरो की याद ज़िंदा

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बॉबी सैंड्स स्ट्रीट से बॉबी सैंड्स बर्गर तक, तेहरान में आयरिश हीरो की याद ज़िंदा

ब्रिटेन के ख़िलाफ़ आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले आयरिश स्वतंत्रता सेनानियों में से एक बॉबी सैंड्स हैं। उन्होंने ब्रिटिश जेल में भूख हड़ताल की, जिसे सदी की सबसे मशहूर भूख हड़ताल कहा गया है। इस तरह से सैंड्स ने ब्रिटिश वर्चस्व के ख़िलाफ़ लड़ाई में अपनी जान की क़ुर्बानी दी।

रॉबर्ट जेरार्ड सैंड्स जिन्हें बॉबी सैंड्स के नाम से जाना जाता है, उत्तरी आयरलैंड के बेलफ़ास्ट के कहने वाले थे। 18 साल की उम्र में वह आयरिश लिबरेशन आर्मी में शामिल हुए और कई बार गिरफ़्तार करके जेल में क़ैद किए गए।

सैंड्स ने उपनिवेशवाद और ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए क़ैदियों की यूनिफ़ॉर्म पहनने से इनकार कर दिया था।

आयरलैंड रिपब्लिकन क़ैदियों के कमांडिंग ऑफ़िसर के रूप में ब्रिटिश जेल में उनका संघर्ष अलग-अलग तरीक़ों से जारी रहा। यहां तक कि मार्च 1981 में बॉबी सैंड्स ने क़ैदियों के समर्थन और उत्तरी आयरलैंड से ब्रिटिशों को बाहर निकालने के लिए भूख हड़ताल की शुरूआत कर दी।

बॉबी सैंड्स ब्रिटिश सेना द्वारा उत्तरी आयरलैंड के क़ब्जे को समाप्त कराने के लिए संघर्ष कर रहे थे और निश्चित रूप से क़ैदियों के अधिकारों का सम्मान कराना चाहते थे। जबरन मज़दूरी न कराना, पढ़ने की आज़ादी और साप्ताहिक मुलाक़ात जैसे अधिकारों की उनकी मांगों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।

5 मई 1981 को 66 दिनों तक भूखे रहने के बाद, सिर्फ़ 27 साल की उम्र में सैंड्स जेल के अस्पताल में इस दुनिया से चल बसे।

कैथोलिक चर्च ने उनसे भूख हड़ताल ख़त्म करने का आग्रह किया था, लेकिन उनका जवाब थाः मुझ पर भूख हड़ताल ख़त्म करने के लिए दबाव डालने के बजाए, जाओ और ब्रिटिश सरकार से कहो कि हमें आज़ादी दे।

आज़ादी के लिए किए गए उनके इस संघर्ष के सम्मान में तेहरान स्थित ब्रिटिश दूतावास के सामने से गुज़रने वाली एक सड़का का नाम उनके नाम पर रखा गया।

लेकिन ब्रिटिश दूतावास ने बार-बार पते में बॉबी सैंड्स का नाम लिखने से बचने के लिए फ़िरदौसी रोड की तरफ़ एक नया गेट बना लिया।

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई ने बॉबी सैंड्स को आयरिश हीरो बताते हुए कहा थाः हम उन्हें सिर्फ़ एक स्वतंत्रा सेनानी के रूप में नहीं देखते हैं, बल्कि हमने उनके ख़ामोश लबों के संदेश को पढ़ लिया है और उस पर हमारा दृढ़ विश्वास है। यह वैश्विक वर्चस्ववादी साम्राज्यों और शक्तियों के पतन का संदेश है।

ईरानी लोगों के बीच बॉबी सैंड्स की लोकप्रियता इतनी ज़्यादा है कि उत्तरी तेहरान में एक रेस्टोरैंट का नाम उनके नाम पर रखा गया है।    

1981 की आयरिश जेल की भूख हड़ताल के बारे में स्टीव मैक्वीन ने 2008 में फ़िल्म द हंगर बनाई थी। समीक्षकों द्वारा प्रशंसित यह एक ऐतिहासिक ड्रामा फ़िल्म है, जिसमें बॉबी सैंड्स का रोल माइकल फ़ैसबेंडर ने निभाया है।

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