ईरानी राष्ट्र १४ जून को अपने कारनामे से विश्व वासियों को आश्चर्य में डाल देगा।

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ईरानी राष्ट्र १४ जून को अपने कारनामे से विश्व वासियों को आश्चर्य में डाल देगा।शुक्रवार को तेहरान सहित पूरे ईरान में जुमा की नमाज़ पढ़ी गयी।

तेहरान में जुमा की नमाज़ के भाषण में आयतुल्लाह अहमद खात्मी ने धर्म परायणता, वरिष्ठ नेतृत्व में श्रद्धा, नैतिकता तथा नियमों के पालन को ईरान के आगामी राष्ट्रपति की महत्वपूर्ण विशेषताएं बताया है।

उन्होंने कहा कि यदि ईरान का आगामी राष्ट्रपति इन विशेषताओं से सुसज्जित होगा तो किसी भी दशा में वह शत्रुओं के जाल में नहीं फंसेगा और धमकियों से सामने क़दम पीछे नहीं हटाएगा।

आयतुल्लाह खात्मी ने ईरान के आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अत्याधित ध्यान तथा दूरदर्शिता को आवश्यक बताया और कहा कि यदि ईरानी राष्ट्र, राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याशियों के बारे में पूर्ण रूप से जांच पड़ताल करेगा तो निश्चित रूप से सब से अधिक योग्य व्यक्ति का चयन होगा। उन्होंने जून २०१३ में ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में जनता की भारी उपस्थिति को रोकने हेतु साम्राज्यवादियों और ज़ायोनियों के व्यापक प्रयासों की ओर संकेत करते हुए बल दिया कि विश्व शक्तियां, ईरान में चुनाव वातावरण के स्वतंत्र न होने का दावा करके इस महा प्रक्रिया में विघ्न डालने का प्रयास कर रही हैं किंतु ईरानी राष्ट्र १४ जून को अपने कारनामे से विश्व वासियों को आश्चर्य में डाल देगा।

आयतुल्लाह खात्मी ने कहा कि प्रत्याशियों को भी यह जान लेना चाहिए कि यदि विदशियों ने उनका समर्थन किया तो वे ईरानी जनता की नज़रों से गिर जाएंगे।

उन्होंने इसी प्रकार हालिया दिनों में सीरिया की घटनाओं तथा पैगम्बरे इस्लाम के महान अनुयाई हुज्र बिन उदय की कब्र की अवमानना की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस कृत्य की आलोचना में शीआ और सुन्नी धर्म गुरुओं की प्रतिक्रियाओं से यह सिद्ध हो गया कि वे संयुक्त रूप से सांप्रदायिकता के विरोधी हैं। उन्होंने हालिया दिनों में इस्राईली युद्धक विमानों के सीरिया पर आक्रणमों की ओर संकेत करते हुए बल दिया कि इन आक्रमणों से सीरियाई विद्रोहियों की गद्दारी और सीरियाई जनता के विरुद्ध इस्राईल से उनका सहयोग सिद्ध हो गया।

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