इस्लामी पहचान के लिए ईरान और इंडोनेशिया की संयुक्त चिंता

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इस्लामी पहचान के लिए ईरान और इंडोनेशिया की संयुक्त चिंता

ईरान में इंडोनेशिया के राजदूत ने पवित्र नगर क़ुम की यात्रा करके हज़रत मासूमा सलामुल्लाह विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया और वहां की शैक्षिक और अध्ययन व शोध गतिविधियों को निकट से देखा।

ईरान में इंडोनेशिया के राजदूत H.E. Mr. Ronny Prasetyo Yuliantoro  पवित्र नगर क़ुम में अपनी उपस्थिति पर प्रसन्नता जताई और हज़रत मासूमा सलामुल्लाह अलैहा विश्वविद्यालय में मौजूद शैक्षिक संभावनाओं को देखने के बाद उम्मीद जताई कि दोनों देशों और हज़रत मासूमा स. विश्वविद्यालय और इंडोनेशिया के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग जारी रहेगा।

ईरान के पवित्र नगर क़ुम में हज़रत मासूमा स. विश्वविद्यालय की कुलपति व प्रमुख मरियम बुर्दबार ने इस निरीक्षण के अवसर पर इंडोनेशिया के राजदूत से भेंटवार्ता की जिसमें उन्होंने ईरान और इंडोनेशिया के विश्वविद्यालों के मध्य संबंधों को विस्तृत किये जाने पर बल देते हुए कहा कि आसमानी किताब, पैग़म्बरे इस्लाम, इस्लामी पहचान, इस्लामी जीवन शैली और विभिन्न मामलों में ईरान और इंडोनेशिया के मध्य समानतायें मौजूद हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिये।

 

श्रीमती मरियम बुर्दबार ने इसी प्रकार ईरान में महिलाओं की स्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरान में इस्लामी क्रांति की सफ़लता के बाद महिलाओं के क्षेत्र में हम बहुत अधिक प्रगति के साक्षी हैं और ईरान में जो विश्वविद्यालय हैं उनके शैक्षिक प्रतिनिधिमंडलों के सदस्य 36 प्रतिशत से अधिक महिलायें हैं और ईरानी विश्वविद्यालयों में दाख़िला पाने की आधी इच्छुक लड़कियां हैं।

हज़रत मासूमा विश्वविद्यालय की कुलपति ने इस विश्वविद्यालय के नारे को बयान करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय अपनी सांस्कृतिक पहचान के साथ इस्लामी जगत की महिलाओं के लिए आदर्श बनना चाहता है। इस विश्वविद्यालय का नारा" प्रतिभाशाली महिला, उच्च परिवार" है।

उल्लेखनीय है कि हज़रत मासूमा स. विश्वविद्यालय ईरान के क़ुम प्रांत में स्थित है और इसकी बुनियाद वर्ष 2007 रखी गयी थी और इस समय उसमें एक हज़ार 700 लड़कियां व महिलायें शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।

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