बड़ी अकीदत के साथ मनाया गया इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का दसवां

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बड़ी अकीदत के साथ मनाया गया इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का दसवां

हज़रत इमाम हुसैन व कर्बला के प्यासे शहीदों का दसवां रविवार की रात अकीदत के साथ मनाया गया। मरसिया-मजलिस बरपा हुई, नौहा-मातम के बीच अलम व ताबूत का जुलूस निकाला गया।

हज़रत इमाम हुसैन व कर्बला के प्यासे शहीदों का दसवां रविवार की रात अकीदत के साथ मनाया गया। मरसिया-मजलिस बरपा हुई, नौहा-मातम के बीच अलम व ताबूत का जुलूस निकाला गया जो आधी रात तक कस्बे में गश्त करता रहा इस बीच हर हुसैनी गमों के सागर में डूबे नज़र आए।

हल्लौर स्थित बड़े इमाम बाड़े में अंजुमन इमामिया मातम के बैनर तले पहले मजलिस बरपा हुई जिसकी मरसिया हैदरे कर्रार व उनके हमनवां ने पढ़ी। इसके बाद मजलिस खिताब करते हुए मौलाना जमाल हैदर ने कर्बला के वाकये पर रोशनी डालते हुए इमाम हुसैन की शहादत बयान की।

इसके बात ताबूत की शबीह निकाली गई जिसका बोसा लेने के लिए अकीदत मंदों का पूरा हुजूम उमड़ पड़ा, फिर नौहा पढ़ते हुए मातमी जुलूस निकला गया। दरगाह हजरत अब्बास, जन्नतुल बकी, सेठ बाबा इमाम बाड़ा, हुसैनिया बाबुल सहित प्रमुख मार्ग होता हुआ जुलूस कस्बे के सभी इमाम बाड़े में गया, रात करीब बारह बजे वक्फ शाह आलम गीर सानी में आकर जुलूस खत्म हुआ। जहां मजलिस की मरसिया हैदरे कर्रार ने पढ़ी व जाकिरी साबिर हल्लौरी ने की।

जुलूस में नफीस सैयद, हसन जमाल, कायनात, मो. हैदर शब्लू, कामयाब हैदर, खुशनूद, संजू, छोटे आदि ने इमाम हुसैन की याद में मखसूस नौहे पढ़े। आखिर में अंजुमन के सदर मेंहदी हैदर व सेक्रेटरी रिजवान अहमद ने सभी लोगों के प्रति शुक्रिया अदा किया। इमाम के दसवें के मौके पर कस्बे में घर-घर में भी मजलिस का आयोजन हुआ।

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