कांवड़ यात्रा की वजह से हरिद्वार में भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है। ऐसे में किसी अनहोनी से बचाने के लिए SDRF के जवानों घाट पर डटे हुए हैं। उन्हीं में से एक जाबांज तैराक आशिक अली अब 40 कांवड़ियों के नई जिंदगी दे चुके हैं।
सावन के इस मौके पर कावड़ियों की भीड़ हरिद्वार की गंगा नदी में जमकर उमड़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ गंगा के घाट पर कावड़ियों के डूबने के भी कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन उत्तराखंड एसडीआरएफ के जवानों की मुस्तैदी की वजह से गंगा घाट पर बहने वाले कावड़ियों को बचाने के लिए एसडीआरएफ के जवानों ने रात दिन एक कर दिया है।
इन सब तैराकों में SDRF में तैनात हेड कॉन्स्टेबल आशिक अली इन दिनों काफी चर्चा में है। वह अपनी टीम के साथ अब तक 40 कांवड़ियों की जान बचा चुके हैं। आशिक अली देहरादून के सहसपुर के रहने वाले हैं वह साल 2012 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुए थे। साल 2021 में SDRF में ही हेड कांस्टेबल बने। एसडीआरएफ से जुड़ने के बाद से ही वह लगातार उन जगहों पर लोगों को बचाने के लिए जाते हैं जहां पर एसडीआरएफ की जरूरत होती है।