अत्याचारों के परिणाम में उठी जागरूकता की लहर

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तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा आज आयतुल्लाह इमामी काशानी की इमामत में पढ़ी गई।

आयतुल्लाह इमामी काशानी ने नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में राष्ट्रों पर साम्राज्यवादी शक्तियों के अत्याचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अत्याचार क्षेत्र में इस्लामी जागरूतता तथा अन्य क्षेत्रों में जन चेतना का कारण बना अब इन आंदोलनों को आगे बढ़ाने के लिए उनका आर्थिक एवं नैतिक समर्थन करना चाहिए। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने कहा कि कुछ लोग इस्लामी जागरूकता की लहर को उसकी असली डगर से हटा देने के प्रयास में हैं किंतु वे सफल नहीं होंगे क्योंकि इस्लामी जागरूकता का दायरा लगातार फैलता ही जा रही है।

तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि पश्चिमी शक्तियों ने स्वयं को भौतिकवादी साधनों से लैस कर लिया है और अब इसी के माध्यम से क्षेत्र में अपने अभिषप्त कार्यक्रमों को लागू करना चाहती हैं, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक विकास से इन षडयंत्रों को विफल बनाया जा सकता है। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में ईरान की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्नति की यह प्रक्रिया इसी प्रकार जारी रहनी चाहिए यहां तक कि शत्रु निराश होकर षडयंत्र करना भूल जाएं।

आयतुल्लाह इमामी काशानी ने फ़िलिस्तीन तथा सीरिया की ताज़ा स्थिति की ओर संकेत किया और पश्चिमी शक्तियों की ओर से मुस्लिम समुदाय पर किए जा रहे अत्याचारों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन और सीरिया की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए गंभीरता से प्रयास करना चाहिए।

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