सामर्रा में स्थित इमाम हसन असकरी के रौज़े के गुंबद का परचम उनकी शहादत की वर्षगांठ के अवसर पर बदल दिया गया। इस मौके पर हरम के ख़ादिम और ज़ाएरीन की एक बड़ी संख्या मौजूद थी।