प्रिंसिपल हौज़ा ए इल्मिया खोवाहारान और हौज़ा ए इल्मिया ज़हेरा स.ल के तमाम अध्यापको की मौजूदगी में प्रिंसिपल ने कहा कि छात्रों की सहनशीलता को बढ़ाना शिक्षकों का कर्तव्य है और यह एक महत्वपूर्ण कार्य है कि वे छात्रों का धैर्य और संयम के साथ मार्गदर्शन करें।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अराक में स्थित अलज़हरा स.अ. मदरसे में आज 1403/1404 के पहले शैक्षणिक सेमेस्टर के शिक्षकों की बैठक आयोजित की गई।
इसमें हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन गुदरज़ी और इस्लामिक विज्ञान केंद्र की महिला शाखा के शैक्षिक और शोध विभागों के उपाध्यक्ष उपस्थित थे।
इस बैठक का उद्देश्य शैक्षिक सांस्कृतिक और शोध कार्यों को संगठित रूप से संचालित करना और इस्लामिक विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति और प्रगति के लक्ष्यों को स्पष्ट और निर्धारित करना था।
हुज्जतुल इस्लाम गुदरज़ी ने शिक्षकों से यह आग्रह किया कि वे छात्रों के आध्यात्मिक पहलुओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दें। इसके बाद उन्होंने हज़रत अली अ.स. से संबंधित एक हदीस का वर्णन किया जिसमें हज़रत अली ने अपने साथियों से कहा,मुझे नसीहत दो।उनके साथियों ने आश्चर्यचकित होकर कहा, हम? इस पर हज़रत अली ने फरमाया,सुनने में वह भलाई है जो जानने में नहीं है।
केंद्रीय प्रांत के महिला इस्लामी विज्ञान केंद्र की प्रमुख ने कहा कि शिक्षकों का यह कर्तव्य है कि वे छात्रों को सहनशीलता और धैर्य के साथ मार्गदर्शन करें।
उन्होंने यह भी कहा कि जैसे शहीद मुताहरी ने कहा,यह छात्र नहीं है जो शिक्षक को ढूंढता है, बल्कि शिक्षक है जो छात्र को ढूंढता है।
बैठक में अलज़हेरा स.अ.मदरसे की प्रबंधक सुश्री हाजी मोहम्मद हुसैनी ने आगामी शैक्षणिक वर्ष की योजनाओं को प्रस्तुत किया और छात्रों के आध्यात्मिक विकास के लिए संभावित उपायों पर जोर दिया।
अंत में महिला इस्लामी विज्ञान केंद्र के शैक्षिक और शोध उपाध्यक्षों ने अपने अपने सुझाव प्रस्तुत किए।