इज़राइली साइबर आतंकवाद पर ईरान का क्या है कहना?

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इज़राइली साइबर आतंकवाद पर ईरान का क्या है कहना?

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कम्युनिकेशन सिस्टम्स को धमाके से उड़ाकर लेबनानी नागरिकों को निशाना बनाने की ज़ायोनी शासन की आतंकवादी कार्रवाई को सामूहिक हत्या का नमूना क़रार दिया है।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने कहा: लेबनान में आतंकवादी ऑप्रेशन, ज़ायोनी शासन और उसके भाड़े के एजेंटों के संयुक्त आप्रेशन्ज़ के तहत अंजाम दिए गए थे, और यह सभी नैतिक और मानवीय सिद्धांतों और अंतर्राष्ट्रीय कानून के विपरीत हैं और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक क़ानून के तहत,परीक्षण और सज़ा का हकदार है।

 कनआनी ने कहा: यह संयुक्त आतंकवादी कृत्य, जो वास्तव में एक प्रकार की सामूहिक हत्या है, एक बार फिर स्पष्ट रूप से साबित करता है कि ज़ायोनी शासन, फ़िलिस्तीनी जनता के ख़िलाफ युद्ध अपराध और नरसंहार करने के अलावा, क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक गंभीर ख़तरा पैदा कर रहा है।

उन्होंने कहा: इसीलिए ज़ायोनी शासन के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों और इसके कारण होने वाले ख़तरों का मुकाबला करना, एक स्पष्ट आवश्यकता बन गयी है और अपराधी ज़ायोनी अधिकारियों की सज़ा से मुक्ति का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए शीघ्र कार्रवाई करना ज़रूरी हो गया है।

इस दौरान, संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि अमीर सईद एरवानी ने लेबनान में इज़राइल के साइबर आतंकवादी कृत्य की निंदा की और कहा: इजराइली शासन को इस जघन्य अपराध और हमलों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

मंगलवार शाम को मीडिया ने लेबनान के कई इलाकों में कई कम्युनिकेशन सिस्टम्स में विस्फोट की ख़बर दी थी।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के एलान के अनुसार, इस आतंकवादी कार्रवाई में 2750 लोग घायल हुए और 11 लोग शहीद हुए।

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