इस्राईली जेलों में 10 हज़ार 700 फ़िलिस्तीनी बंद

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इस्राईली जेलों में 10 हज़ार 700 फ़िलिस्तीनी बंद

प्राप्त ताज़ा सूचनायें इस बात की सूचक हैं कि ज़ायोनी सरकार ने ग़ज़ा पट्टी में अपने अपराधों के अलावा अब तक पश्चिमी किनारे के भी हज़ारों फ़िलिस्तीनियों को गिरफ़्तार किया है।

फ़िलिस्तीनी क़ैदियों से संबंधित सूत्रों ने एलान किया है कि ज़ायोनी सरकार ने पिछले सात अक्तूबर से अब तक 10 हज़ार 700 फ़िलिस्तीनियों को पश्चिमी किनारे से गिरफ़्तार किया है।

ज़ायोनी सरकार ने इस अवधि में हज़ारों फ़िलिस्तीनियों को ग़ज़ा पट्टी में भी गिरफ़्तार किया है। इस रिपोर्ट के आधार पर ज़ायोनी सरकार ने जब से पश्चिमी किनारे पर नया हमला आरंभ किया है उस समय से लेकर अब तक 50 फ़िलिस्तीनी इस क्षेत्र में शहीद हो चुके हैं।

ज़ायोनी सरकार ने पश्चिमी देशों के व्यापक समर्थन से 7 अक्तूबर 2023 से ग़ज़ा पट्टी और पश्चिमी किनारे पर फ़िलिस्तीन के मज़लूम लोगों के ख़िलाफ़ व्यापक युद्ध आरंभ कर दिया है परंतु अब तक घोषित लक्ष्यों में से किसी भी एक लक्ष्य को वह हासिल नहीं कर सकी है।

इसके मुक़ाबले में ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध और लेबनान, इराक़, यमन और सीरिया के प्रतिरोधकों गुटों ने एलान कर रखा है कि वे अतिग्रहणकारी इस्राईल के अपराधों का बदला लेकर रहेंगे।

प्राप्त अंतिम रिपोर्टों के अनुसार ज़ायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में अब तक 41 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और 95 हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।

ज्ञात रहे कि ब्रिटेन की साम्राज्यवादी नीति के तहत ज़ायोनी सरकार का ढांचा वर्ष 1917 में ही तैयार हो गया था और विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों से यहूदियों व ज़ायोनियों को लाकर फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि में बसा दिया गया और वर्ष 1948 में ज़ायोनी सरकार ने अपने अवैध अस्तित्व की घोषणा कर दी। उस समय से लेकर आजतक विभिन्न बहानों से फ़िलिस्तीनियों की हत्या, नरसंहार और उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा यथावत जारी है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान सहित कुछ देश इस्राईल की साम्राज्यवादी सरकार के भंग व अंत किये जाने और इसी प्रकार इस बात के इच्छुक हैं कि जो यहूदी व ज़ायोनी जहां से आये हैं वहीं वापस चले जायें।

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