लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह इस्राईल के पाश्विक हमले में शहीद हो गये।
"तो जो लोग दुनिया की ज़िंदगी का आख़ेरत से सौदा कर लेते हैं कि अल्लाह की राह में जंग करें और जो भी अल्लाह की राह में जंग करे और क़त्ल हो जाए या विजयी हो हम उसे बहुत बड़ा बदला देंगे।
" जनाब उस्ताद, रेज़िस्टेंस के सरदार, नेक इंसान ने महान शहीद, साहसी, दिलेर लीडर, अक़्लमंद दूरदर्शी मोमिन के तौर पर अल्लाह की बारगाह और उसकी रज़ामंदी की वादी की तरफ़ चल बसे और अमर शहीदों के कारवां से जुड़ गए।
हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव जनाब सैयद हसन नसरुल्लाह महान व अमर शहीदों में शामिल हो गए जो 30 साल उनके रास्ते पर चलते रहे और इस मुद्दत में उन्हें एक विजय से दूसरी विजय तक पहुंचाते रहे। सन 2000 में लेबनान की आज़ादी से लेकर 2006 की जंग में इलाही विजय तक, इसी तरह दूसरी गौरवपूर्ण जंगों से लेकर फ़िलिस्तीन, गाज़ा और मज़लूम फ़िलिस्तीनी अवाम के समर्थन तक।
हिज़्बुल्लाह का नेतृत्व, बलिदान और शहादत के मार्ग में अपने सर्वोच्च, पवित्रतम और सबसे अनमोल शहीद से यह वादा करता है कि हम दुश्मन के ख़िलाफ़ अपना जिहाद जारी रखेंगे और ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन का समर्थन करेंगे और लेबनान की रक्षा करेंगे और इस देश के मज़बूत, शरीफ़ और सज्जन लोगों की हिमायत करते रहेंगे।
लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के बयान में आया है कि इस्लामी प्रतिरोध के बहादुर, साहसी और गौरान्वित मुजाहिदीन और जनता, आप शही हसन नसरुल्लाह की अमानत हैं और आप लोग उनके भाई हैं जो उनकी अजेय ढाल थे और उनके पवित्र विचार, भावना के साथ हमारे नेता की बहादुरी और आज़ाद का ताज थे। आप जीत तक वफादारी और प्रतिरोध और बलिदान का पालन करने की प्रतिज्ञा करें।