पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने इज़राइली शासन के सैन्य और सुरक्षा मुख्यालय पर ईरान के सैन्य हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि अगर वह अमेरिकी राष्ट्रपति होते, तो ऐसा कभी नहीं होता।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और देश में आगामी चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रम्प ने इज़राइल के अपराधों के खिलाफ ईरान के मिसाइल ऑप्रेशन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक बयान में दावा किया: दुनिया कंट्रोल से बाहर हो गयी है।
इस बयान में ट्रम्प ने स्वीकार किया कि इजराइल के अपराधों पर ईरान की शक्तिशाली सैन्य प्रतिक्रिया से वाइट हाउस के अधिकारी सकते में आ गए। उनका कहना था कि हमारे (अमेरिका) पास कोई नेता नहीं है और कोई भी देश का प्रबंधन नहीं कर रहा है।
हमारे पास एक बेकार राष्ट्रपति और एक पूरी तरह से अनुपस्थित उपराष्ट्रपति है जो वित्तीय सहायता की मांग कर रहा है। देश के प्रबंधन और नेतृत्व में कोई भी शीर्ष पर नहीं है और बाइडेन और हैरिस, में से कोई भी नहीं जानता कि क्या हो रहा है।
उन्होंने ईरान के ख़िलाफ़ शत्रुतापूर्ण बयान देते हुए दावा किया कि उनके राष्ट्रपति काल में ईरान नियंत्रण में था। इस बयान में उन्होंने ईरान पर पश्चिम एशियाई क्षेत्र को तबाह करने का आरोप लगाया।
ट्रम्प ईरान द्वारा इस क्षेत्र के विनाश का दावा एसी हालत में कर रहे हैं कि पिछले वर्ष के दौरान ज़ायोनी शासन ने ग़ज़ा पट्टी, लेबनान के खिलाफ युद्ध और तेहरान में आतंकवादी कार्रवाइयों के साथ पूरे क्षेत्र को युद्ध के कगार पर पहुंचा दिया है।
अपनी संप्रभुता के उल्लंघन के ख़िलाफ काफ़ी संयम बरतने के बाद आख़िरकार शहीद इस्माईल हनीया, सैयद हसन नसरल्लाह, सीनियर कमान्डर मेजर जनरल सैयद अब्बास नीलफ़ूरुशान की हत्या, और ज़ायोनीवादियों द्वारा निर्दोष़ फ़िलिस्तीनी और लेबनानी महिलाओं और बच्चों का नरसंहार की वजह से इस्लामी गणतंत्र ईरान ने संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुसार वैध रूप से अपनी रक्षा के अधिकार की परिधि में मंगलवार रात को कम से कम 200 बैलिस्टिक मिसाइलों से इज़राइल के सैन्य और सुरक्षा मुख्यालय को निशाना बनाया। तेहरान ने इस ऑपरेशन का नाम "वादए सादिक़- 2" यानी सच्चा वादा-2 रखा है।