ईरान के साथ तनाव के बीच भारतीय कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ीं

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ईरान के साथ तनाव के बीच भारतीय कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ीं

अवैध राष्ट्र इस्राईल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव की वजह से भारत के निर्यातकों-आयातकों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है। कारोबारियों के लिए लॉजिस्टिक कॉस्ट में इजाफा देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर ईरान से आने वाले सामान को लेकर भी कई चुनौतियां हैं।

खासतौर पर बासमती चावल, चाय, सूखे खजूर और बादाम का व्यापार करने वालों के पास स्थिति सुधरने का इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं है। भारत हर साल ईरान को करीब 600 मिलियन डॉलर से ज्यादा का बासमती चावल निर्यात करता है।  जबकि 4 करोड़ किलो चाय का निर्यात भी किया जाता है।

हाल में ही सरकार ने बासमती चावल के निर्यात से न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) खत्म किया है। ऐसे में निर्यातकों को ईरान से बंपर एक्सपोर्ट की उम्मीद थी।

भारत अपनी कई जरूरतों को ईरान के आयात से पूरा करता है। इसमें सर्वाधिक सनफ्लावर तेल है, जिसकी कीमतें दोनों देशों के बढ़ते तनाव के चलते बढ़ सकती हैं। इसके अलावा ईरान से भारत संतृप्त मेथनॉल, पेट्रोलियम बिटुमेन, सेब, तरलीकृत प्रोपेन, सूखे खजूर, अकार्बनिक/कार्बनिक रसायन, बादाम समेत अन्य कई सामग्री आयात करता हैं।

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