हिज़्बुल्लाह को आतंकवादी बताना कलंक का कारण है

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हिज़्बुल्लाह को आतंकवादी बताना कलंक का कारण हैआज तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा आयतुल्लाह काज़िम सिद्दीक़ी की इमामत में अदा की गयी। उन्होंने नमाज़े जुमा के भाषण में हिज़्बुल्लाह को आतंकवादी गुटों की सूची में शामिल करने के यूरोपीय संघ के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक लज्जाजनक क़दम है। उन्होंने हिज़्बुल्लाह के विरुद्ध यूरोपीय संघ की कार्यवाही को ग़ैर क़ानूनी और अनैतिक बताया और कहा कि इससे अंततः यूरोपीय संघ का ही अपमान होगा जबकि हिज़्बुल्लाह को कोई नुक़सान नहीं पहुंचेगा।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जबकि ज़ायोनी शासन एक आतंकवादी शासन है, हिज़्बुल्लाह को आतंकवादी गुटों की सूची में शामिल करना, कलंक का कारण है।

जुमे के इमाम ने कहा कि हिज़्बुल्लाह ने ज़ायोनी शासन के अजेय होने के भ्रम को चकनाचूर कर दिया है और सारी दुनिया को बता दिया है कि ज़ायोनी शासन मकड़ी के जाले से भी कमज़ोर है। आयतुल्लाह काज़िम सिद्दीक़ी ने यूरोपी संघ की ओर से एमकेओ आतंकवादी गुट को आतंकी गुटों की सूची से निकाले जाने की ओर संकेत करते हुए कहा कि हिज़्बुल्लाह एक ऐसा गुट है जो प्रतिरक्षा करता है और अपने देश के विकास और स्वतंत्र के मार्ग पर अग्रसर है।

उन्होंने मिस्र की ताज़ा स्थिति पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि, सीरिया, मिस्र के लिए पाठ है और ज़ायोनी शासन और अमरीका ने ज़ायोनी विरोधी प्रतिरोध को तोड़ने के लिए सीरिया में युद्ध आरंभ कर रखा है और अब मिस्र की बारी आने वाली है। आयतुल्लाह काज़मि सिद्दीक़ी ने कहा कि मिस्र की स्थिति के ज़िम्मेदार अमरीका और ज़ायोनी शासन हैं।

उन्होंने धर्मगुरूओं, लेखकों और प्रतिष्ठित लोगों से अपील की है कि मिस्र की क्रांति को सफलता तक पहुंचाने के लिए वर्तमान समस्या का समाधान करें। उन्होंने मिस्र में जारी रक्तरंजित घटनाओं के ज़िम्मेदार तत्वों की निंदा करते हुए कहा कि मुसलमान, हिंसा और रक्तरंजित घटनाओं में लिप्त नहीं होता। उन्होंने पवित्र रमज़ान के महीने की विशेषताएं बयान की और कहा कि इस महीने में किए जाने वाले कर्मों का दूसरे महीनों से मुक़ाबला नहीं किया जा सकता।

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