ह़ज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने कहां, हमको दोनों शहादतों की तारीखों में हज़रत फातिमा ज़हेरा स.स.का ग़म आशूरा की तरह मनाया जाए।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने केंद्रीय कार्यालय नजफ़ अशरफ़ में फरमाया,जनाबे फ़ातिमा ज़हेरा अ.स.की शहादत के मरवी (जिसका रिवायत में ज़िक्र है) मशहूर तीनों दिनों को आशूरा की तरह ही बाक़ी रखा जाए।
उन्होंने आगे फरमाया कि हज़रत रसूल अल्लाह स अ व व की रेहलत के बाद 8 रबीउस सानी चालीस दिन की रिवायत के हिसाब से और 13 जमादिउल अव्वल पचहत्तर दिन की रिवायत के हिसाब से और 3 जमादियुस सानी पंचानवे दिन की रिवायत के हिसाब से हैं।