ईरान के शहर बानेह के इमाम ए जुमआ ने कहा,आज इज़राईल खुद को प्रतिरोध के मोर्चे के खिलाफ जंग में फंसा हुआ महसूस कर रहा हैं। इसमें कोई शक़ नहीं कि इस ज़बरन युद्ध में इज़राईल सरकार की हार निश्चित है इसलिए इस्लामी देशों को इस पर विश्वास रखते हुए ग़ाज़ा, फ़िलस्तीन और लेबनान की जनता की मदद करनी चाहिए।
एक रिपोर्टर को इंटरव्यू देते हुए, शहर बानेह के अहले सुन्नत इमाम-ए-जुमआ मौलवी अब्दुर्रहमान ख़ुदाई ने कहा,प्रतिरोधी मोर्चे के साथ युद्ध में ज़ायोनियों को आंतरिक रूप से भी तबाही का सामना करना पड़ा है।
इसलिए आज ज़ायोनी और पश्चिमी दुनिया मुसलमानों के खिलाफ व्यापक मानसिक हमले कर रही है, जिससे सभी मुसलमानों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।
शहर बानेह के इमाम-ए-जुमआ ने आगे कहा, ज़ायोनी दुश्मन ने युद्ध और सैन्य अपराधों के साथ-साथ इस्लामी दुनिया, विशेष रूप से इस्लामी गणराज्य के खिलाफ एक व्यापक मीडिया और मानसिक मोर्चा खोला हुआ है, जिसे हम इन दिनों देख रहे हैं इंशा अल्लाह, सभी क्षेत्रों में ज़ालिम इज़राईल को करारी हार मिलेगी।
मौलवी ख़ुदाई ने कहा, याद रखें कि जब भी ज़ायोनी दुश्मन देखेगा कि इस्लामी देश ग़ाज़ा लेबनान और फ़लस्तीन के लोगों से अलग-थलग हैं, तो निस्संदेह वे मैदान को अपने लिए खाली पाएंगा और यह स्पष्ट है कि यही स्थिति आज उन जगहों पर मुसलमानों के नरसंहार का कारण बन रही है।
इस अहले सुन्नत आलिम ने कहा, आज ज़ायोनी खुद को प्रतिरोधी मोर्चे के मुकाबले में बिखराव की लड़ाई में देख रहे हैं, इसलिए इस्लामी देशों को भी चाहिए कि वे जल्द से जल्द ग़ाज़ा, फ़िलस्तीन और लेबनान के मुसलमानों की पुकार का सकारात्मक जवाब दें।
मौलवी अब्दुर्रहमान ख़ुदाई ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस्लामी दुनिया की दूरदर्शिता दुनिया की अन्य क़ौमों को जागरूक करने का कारण बनेगी और बहुत जल्द यह ज़ालिम और इंसानियत का दुश्मन ज़ायोनी राज्य धरती के पटल से गायब हो जाएगी।