बहुत सी ईरानी महिलाओं ने फ़िलिस्तीनी और लेबनानी लोगों की मदद के लिए अपने आभूषणों को भी भेंट कर दिया।
"बनी आदम एक दूसरे का हिस्सा हैं" शीर्षक के अंतर्गत फ़िलिस्तीनी और लेबनानी लोगों की मदद के लिए ईरानियों के सहायता कार्यक्रम का चौथा दौर आयोजित हुआ।
पिछले महीने ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने फ़िलिस्तीनी और लेबनानी लोगों की सहायता के संबंध में संदेश दिया था जिसके बाद से ईरान के विभिन्न वर्गों के लोग फ़िलिस्तीनी और लेबनानी लोगों की मदद की दिशा में सक्रिय व प्रयासरत हो गये हैं।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता इमाम ख़ामेनेई ने 28 सितंबर को एक संदेश में फ़रमाया था कि समस्त मुसलमानों का दायित्व व फ़र्ज़ है कि वे अपनी संभावनाओं के साथ लेबनान के लोगों और हिज़्बुल्लाह के शूरवीर जवानों की मदद करें और अतिग्रहणकारी, अत्याचारी और दुष्ट ज़ायोनी सरकार के मुक़ाबले में उनकी सहायता करें।
"ईरान हमदिल" नामक संस्था ग़ज़ा और लेबनान पर ज़ायोनी सरकार द्वारा हमला करने से पहले अपनी पूरी ऊर्जा व संभावना का प्रयोग ईरान के अंदर ग़रीब लोगों पर ख़र्च करती थी और अब उसने फ़िलिस्तीनी और लेबनानी लोगों की सहायता के लिए विस्तृत पैमाने पर प्रयास आरंभ कर दिया है और फ़िलिस्तीनी और लेबनानी लोग उसकी सहायता सेवा में सर्वोपरि हैं।
इस संस्था ने अपनी सहायता का तीसरा दौर वर्ष 2020 से 2022 तक आयोजित किया था जिसमें अरबों तूमान नक़दी और ग़ैर नक़दी के रूप में जमा किये गये।
इस संस्था का चौथा दौर ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के संदेश के बाद आरंभ हुआ जिसमें बहुत सी ईरानी महिलाओं ने अपने ज़ेवर भी भेंट कर दिये।
ईरान के हितैषी व शुभचिंतक लोगों के अलावा बहुत से अधिकारी और ज़िम्मेदार भी ईरान हिमदिल संस्था से जुड़ गये हैं।
ईरानी संसद मजलिसे शुराये इस्लामी के सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने इस संस्था से जुड़ने के बाद लोगों का आह्वान किया है कि ईरानी मुसलमान लेबनान और फ़िलिस्तीन के बेघर होने वाले लोगों की सहायता करके अपना नाम प्रतिरोध मोर्चे की सहायता करने वालों में पंजीकृत करायें।
ईरान हमदिल नामक संस्था या चैरेटी लोगों से जो सहायता इकट्ठा कर रही है उसे ईरान की रेड क्रिसेन्ट संस्था और फ़िलिस्तीनी व लेबनानी लोगों की सहायता की दिशा में जो लोग सक्रिय हैं वे उस सहायता को लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
फ़िलिस्तीन और लेबनान के पीड़ित लोगों की सहायता चाहे सरकारी संगठन कर रहे हैं या ग़ैर सरकारी एक प्रिय कार्य है और दुनिया के स्वतंत्र लोग इस प्रकार के प्रयास का समर्थन व सराहना कर रहे हैं।
इससे पहले इराक़ के उच्चतम धर्मगुरू आयतुल्लाह सीस्तानी ने भी एक बयान जारी करके इराक़ के मोमिन लोगों का आह्वान किया था कि वे लेबनानी राष्ट्र के दुःखों और समस्याओं को कम करने के लिए उनकी मानवता प्रेमी सहायता करें। इराक के उच्चतम धर्मगुरू के इस आह्वान व संदेश के बाद इराक में लेबनानी लोगों के लिए सहायता एकत्रित करके भेजी गयी।