शहीद सफीउद्दीन प्रतिरोध मोर्चे के लिए हिक्मत कि निशानी थे।

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शहीद सफीउद्दीन प्रतिरोध मोर्चे के लिए हिक्मत कि निशानी थे।

हौज़ा इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने कहां, सैयद हाशिम सफीउद्दीन न केवल एक महान नेता थे, बल्कि हिज़्बुल्लाह के नायकों और पूरे प्रतिरोध मोर्चे के लिए हिक्मत कि निशानी धैर्य प्रतिरोध, दृढ़ता और बलिदान का प्रतीक थे।

हौज़ा इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने सैयद हाशिम सफीउद्दीन की शहादत पर शोक संदेश जारी किया है।

शोक संदेश कुछ इस प्रकार है:

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलऐहे राजेेऊन

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

بسم الله الرحمن الرحیم

مِنَ الْمُؤْمِنِینَ رِجَالٌ صَدَقُوا مَا عَاهَدُوا اللَّهَ عَلَیْهِ ۖ فَمِنْهُمْ مَنْ قَضَیٰ نَحْبَهُ وَمِنْهُمْ مَنْ یَنْتَظِرُ ۖ وَمَا بَدَّلُوا تَبْدِیلًا.

इस वक्त दु:ख और शोक का समय है जब हमें फिर से एक और महान योद्धा और सत्य के ध्वजवाहक, हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सय्यद हाशिम सफीउद्दीन हिज़बुल्लाह के वीर और कार्यकारी सहायक और एक बुद्धिमान और साहसी योद्धा की शहादत की ख़बर प्राप्त हुई है।

उनकी शहादत ने हमारे दिलों में गहरा दर्द भर दिया है वह केवल एक महान नेता ही नहीं बल्कि हिज़बुल्लाह और पूरी प्रतिरोधी धारा के लिए हिकमत, धैर्य, प्रतिरोध, स्थिरता, और त्याग का प्रतीक थे।

सय्यद हाशिम सफीउद्दीन जिन्होंने अपनी जवानी और उम्र इस्लाम के लिए समर्पित कर दी अपने शक्तिशाली प्रबंधन प्रज्वलित और ठोस खुत्बों के माध्यम से सदैव इज़राईल शासन के खिलाफ खड़े रहे।

उन्होंने हमें सिखाया कि कैसे गुमनामी में भी ईमान, इरादा, सूझबूझ और इख्लास के साथ चुनौतियों का सामना किया जा सकता है और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त की जा सकती है, और एक एक कदम आगे बढ़कर उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है।

उनकी याद और उनकी विरासत हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी और अल्लाह की कृपा से हम उनके जैसे शहीदों की याद के साथ प्रतिरोध और न्याय एवं स्वतंत्रता के संघर्ष के रास्ते पर चलते रहेंगे जब तक सत्य की अंतिम विजय न हो जाए।

उनके सम्मानित परिवार और उनके सभी दोस्तों, समर्थकों और हिज़बुल्लाह के वीरों को मेरी संवेदनाएं अल्लाह तआला से मैं उनके लिए ऊंचे दर्जे की दुआ करता हूं और उनके परिजनों के लिए धैर्य और सहनशीलता की कामना करता हूं।

अली रज़ा आराफी

प्रमुख हौज़ा ए इल्मिया

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