खिदमत की अज़मत इसमें है कि हम जानें कि किसकी खिदमत की जा रही है

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खिदमत की अज़मत इसमें है कि हम जानें कि किसकी खिदमत की जा रही है

हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख ने कहा,हमारी सबसे महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी यह है कि हम समाज की ईमानी, इन्क़लाबी और सांस्कृतिक पहचान की हिफ़ाज़त करें और यह वह सबसे महत्वपूर्ण काम है जिसे हम ईमानी पहचान को मज़बूत और सुरक्षित बनाकर पूरा कर सकते हैं।

एक रिपोर्टर के अनुसार,हौज़ा इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने आज ईरान के राष्ट्रपति के सहायक और बुनियाद ए शहीद व उमूर ए ऐसारग़रान के प्रमुख सईद औहदी और विलायत ए फक़ीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलवी मुक़द्दम से क़ुम में अपने दफ्तर में मुलाक़ात के दौरान कहा, हमारी सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यह है कि हम समाज की ईमानी, इंकलाबी और मूल्य आधारित पहचान की सुरक्षा करें और यह वही सबसे महत्वपूर्ण काम है जिसे हम ईमानी पहचान को मजबूत और सुरक्षित बनाकर अंजाम दे सकते हैं।

उन्होंने कहा, शहीदों के परिवार के आत्मिक और भावनात्मक पहलुओं का ख्याल रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है यह वर्ग इसके लिए उचित समर्थन का पात्र है, और उन्हें समाज में सम्मान का अनुभव होना चाहिए यह हम सभी की जिम्मेदारियों में शामिल है।

हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख ने कहा,इसी तरह एक महत्वपूर्ण मुद्दा आम जनता की आर्थिक समस्याएं हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इमाम ख़ुमैनी र.ह. ने भी इस पर जोर दिया था और सरकारें भी अपनी क्षमता अनुसार इस पर ध्यान देती रही हैं।

आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने आगे कहा, सेवा की महानता इसमें है कि हम जानें कि किसकी सेवा की जा रही है इस संदर्भ में आपका कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता रखता है क्योंकि आप उन लोगों की सेवा कर रहे हैं जिन्होंने अपने प्राण और सब कुछ कुर्बान किया और उनकी यह कुर्बानी महान उद्देश्यों के लिए थी।

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